पोषण ट्रेकर ऐप पर उच्च न्यायालय की लगी रोक। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ में हर्ष व्याप्त।

पोषण ट्रेकर ऐप पर उच्च न्यायालय की लगी रोक। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ में हर्ष व्याप्त।

बरेली से यशवन्त सराठे की रिपोर्ट।

बरेली। पोषण ट्रेकर ऐप को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ एवं विभाग के बीच काफी उहापोह की स्थिती बनी हुई थी। आखिरकार ऊपर वाले के पास देर है अंधेर नहीं। मध्यप्रदेश शासन व्दारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ पर पोषण ट्रेकर ऐप को मोबाइल में डाऊनलोड हेतु दबाव बनाया गया। पोषण ट्रेकर ऐप के विरोध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगठनों ने अपनी एकता का परिचय देते हुये जबलपुर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने सुनवाई कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के पक्ष में अपना फैसला सुनाते हुये आगामी आदेश तक पोषण ट्रेकर ऐप पर रोक लगा दी है।

High Court ban on nutrition tracker app.

क्या है पोषण ट्रेकर ऐप: भारत सरकार के निर्देशानुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ का मासिक मानदेय पोषण ऐप से लिंक करने तथा पोषण आहार प्रदाय व्यवस्था हेतु खाद्यान्ह का आवंटन इस ऐप से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित करना चाहते हैं।पोषण ट्रेकर ऐप पोषण अभियान के तहत पोषण ट्रेकर ऐप के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को दैनिक कार्य की प्रगति देने के लिये बाध्य किया जा रहा था। लोड करने की क्या है समस्या: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रेकर ऐप साधारण मोबाईल फोन में लोड नहीं कर सकती हैं।इसके लिए महंगा मोबाईल फोन खरीदना होगा लेकिन इन कार्यकर्ताओ के पास महंगा मोबाईल फोन खरीदने की क्षमता नही है। ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क भी नहीं रहता है। साथ ही बिजली की समस्या मोबाईल रिचार्ज की समस्या है सो अलग। अधिकांश कार्यकर्ता गरीब और कम शिक्षित होने के कारण मोबाइल फोन नहीं चला सकती। इसके लिये सरकार को अच्छी किस्म के मोबाइल देकर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना होगा।

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बरेली से यशवंत सराठे की रिपोर्ट।

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