म.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, 22 जुलाई से लगातार हो रहा आंदोलन।
शहडोल से अखिलेश शर्मा के साथ सुनील मिश्रा की रिपोर्ट।
शहडोल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त मोर्चा द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर 22 जुलाई से न्यायोचित मांगों को लेकर सम्पूर्ण प्रदेश में आंदोलन मजबूर होकर किया जा रहा है। अधिकतर मांगे अनार्थिक है, शासन के बेरूखेपन से सभी आंदोलनकारियों में व्यापक असंतोष है। मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन ने इस आंदोलन का पूर्ण समर्थन करते हुए मांग की है कि गंधवानी में पदस्थ उपयंत्री स्वर्गीय प्रवीण पवार के आत्महत्या के कारण न्यायिक जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावे, तथा मृतक के आश्रितों को 50 लाख की अनुग्रह राशि दी जावे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अनुशंसित स्वीकृत रिक्त पड़े 500 पदों पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नियमितीकरण हेतु 1 वर्ष से लंबित संक्षेपिका जीएडी को तत्काल भेजी जावे, जिससे संविदा उपयंत्री के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो सके।
मनरेगा मांग आधारित योजना है इसे लक्ष्य आधारित बनाकर क्रियान्वयन हेतु अनावश्यक दबाव नहीं बनाया जावे, वर्तमान में अनावश्यक दबाव अत्यधिक होने से अधिकांश अभियंता अत्यधिक तनाव में हैं, जीवन चौपट हो रहा है। तनाव के कारण आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं। अब तनाव और अनावश्यक दबाव के कारण आत्महत्या, हार्टअटैक से किसी साथी की मृत्यु न हो। पंचायत एवं ग्रामीण विकास के उपयंत्रियों ने न्यायोचित और अनार्थिक मांगों पर पूर्ण संवेदनशीलता के साथ प्रभावी कार्यवाही करने की मांग की है। ज्ञापन उपप्रान्ताध्यक्ष ए.एम.सिंह, सचिव विजय केशरवानी जिलाध्यक्ष अशोक मरावी, प्रशांत लगरखा, आर.पी.तिवारी, सुभाष यादव, श्रीकांत तिवारी, हीरामणि मरावी, संदीप मेहरा, पवन बर्मन, बृजेन्द्र द्विवेदी, सीताशरण शुक्ला द्वारा मुख्यमंत्री के नाम संभागायुक्त शहडोल को सौंपा गया।
शहडोल से अखिलेश शर्मा के साथ सुनील मिश्रा की रिपोर्ट।