गोपाष्टमी के अवसर पर श्री दूधाधारी मठ से संबंधित सभी गौशालाओं में गौ माताओं की पूजा अर्चना की गई।

सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः -राजेश्री महन्त जी।

गोपाष्टमी के अवसर पर श्री दूधाधारी मठ से संबंधित सभी गौशालाओं में गौ माताओं की पूजा अर्चना की गई।

छग शिवरीनारायण से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट।

शिवरीनारायण। शिवरीनारायण में कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी को प्रत्येक वर्ष गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों की मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से सप्तमी तक भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली में धारण किया था। इंद्र के अहंकार की समाप्ति के पश्चात अष्टमी तिथि को सभी को ग्वालों ने भगवान के साथ मिलकर गौ संवर्धन के लिए गौ माता की पूजा अर्चना की तब से यह पर्व श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया जाता है। इसी सिलसिले में 11 नवंबर 2021 को श्री दूधाधारी मठ तथा इससे संबंधित सभी गौशालाओं में पूरे विधि विधान से गौ माताओं की पूजा अर्चना की गई।

Cow mothers worshiped in all the Gaushalas

श्री दूधाधारी मठ तथा शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग प्रातः कालीन बेला में शिवरीनारायण मठ में थे। यहां संचालित गौशाला में उन्होंने अपने सहयोगीयों के सहित गौ माता को सुसज्जित वस्त्र धारण कराया, तत्पश्चात गंगाजल से स्नान कराकर तिलक लगाया, धूप दीप प्रदान करने के साथ पुष्प माला पहनाकर उनकी विधिवत आरती की उन्हें मिष्ठान एवं फल भोग लगाकर अन्य सभी गौ माताओं को खिलाया गया। गौ माता की परिक्रमा करके उनको प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त किया। गौ माता की जय-जय कार सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने की तथा बारी-बारी से सभी लोगों ने आरती कर गौ माता से आशीर्वाद लिया।

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अपने संदेश में राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि गौ माता के संदर्भ में धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः अर्थात गौ माता सुंदरता की प्रतिमूर्ति है। यह विभिन्न रंग रूप धारण किए हुए विश्वमाता स्वरूपा है। इनके आशीर्वाद से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सायं कालीन बेला में श्री दूधाधारी मठ में संचालित गौशाला में पूजा अर्चना की गई। उल्लेखनीय है कि श्री दूधाधारी मठ एवं शिवरीनारायण मठ तथा उनसे संबंधित सभी मठ मंदिरों में अट्ठारह गौशालायें संचालित हैं। इनमें दो सौ से लेकर पाँच हजार तक गौमाताएं निवासरत हैं, ये मठ मंदिर में परंपरागत रूप से सैकड़ों वर्षों से संचालित होते हुए आ रहे हैं। जिसका निर्वाह वर्तमान में भी किया जा रहा है। यद्यपि राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष होने के नाते राजेश्री महन्त जी महाराज राज्य के सभी पंजीकृत गौशालाओं को करोड़ों रुपए का अनुदान प्रदान करते हैं किंतु श्री दूधाधारी मठ तथा इससे संबंधित गौशाला राज्य शासन से किसी भी तरह का कोई अनुदान प्राप्त नहीं करता। यहां केवल सेवा भाव से ही गौ माताओं की सुरक्षा एवं संवर्धन किया जाता है।

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वर्तमान में मठ मंदिर के अनेक बाड़ा अभी भी प्राचीन कवेलू छज्जा से बने हुए दिखाएं पड़ जाते हैं किंतु सभी गौशालाओं में गौ माताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर मठ मंदिर प्रशासन ने लेंटर युक्त पक्का गौशाला का निर्माण किया है। जिससे उन्हें सुख पूर्वक निवास करने में कोई कठिनाई न हो। शिवरीनारायण मठ में गोपाष्टमी के अवसर पर आयोजित गौ पूजन के कार्यक्रम में मुख्तियार सुखराम दास जी, जगदीश मंदिर के पुजारी श्री त्यागी जी महाराज, शिवराम दास, भरत दास, महेश दास एवं सभी संत महात्मा गण, योगेश शर्मा, अशोक जलतारे, उदल यादव, सतीश दास, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।

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छग शिवरीनारायण से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट।

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