शिवरीनारायण मठ में आंवला भोज का हुआ वृहद आयोजन।

शिवरीनारायण मठ में आंवला भोज का हुआ वृहद आयोजन।

कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि को आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने का विशेष महत्व है।

छग शिवरीनारायण से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट।

शिवरीनारायण। शिवरीनारायण क्षेत्र भगवान श्री हरि की पुण्य भूमि है यहां कार्तिक महीना के शुक्ल पक्ष नवमीं को आंवला नवमी के रूप में मनाए जाने की प्राचीन परंपरा है। इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना के पश्चात उसके नीचे सामूहिक भोजन प्राप्त करने का विशेष महत्व है। इसी सिलसिले में माता शबरी की पावन धरा श्री शिवरीनारायण मठ मंदिर में आंवला नवमी का पर्व श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया। राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज सांध्य कालीन बेला में शाम 6:00 बजे शिवरीनारायण मठ पहुंचे लगभग 7:00 बजे से शिवरीनारायण नगर वासियों के आगमन का सिलसिला प्रारंभ हुआ। जहां लोग बड़ी संख्या में सपरिवार उपस्थित हुए। सभी ने आंवला वृक्ष की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सामूहिक पूजा अर्चना की। श्री शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त जी महाराज ने भगवान को भोग अर्पित किया तत्पश्चात आंवला वृक्ष के चारों ओर श्री राम जय राम जय जय राम महामंत्र का जाप एवं संकीर्तन करते हुए सात परिक्रमा पूरी की गई।

A huge celebration of Amla Bhoj took place in Shivrinarayan Math.

अंततः भगवान की जय- जय कार के पश्चात उपस्थित सभी संत महात्माओं एवं श्रद्धालुओं नगर के गणमान्य नागरिकों, विशिष्ट अधिकारियों कर्मचारियों ने आंवला वृक्ष के समीप भोजन प्रसाद प्राप्त किया! इस अवसर पर अपने संदेश में राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि यह भगवान शिवरीनारायण की पावन धरा है,यहां लोग युग युगांतर से अपने जीवन में मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान के दरबार में आते रहे हैं। यह वह पवित्र भूमि है जिसने माता शबरी जैसे भगवत् भक्त को जन्म दिया है यहां भक्ति रूपी गंगा प्रवाहित होती है, इसकी महिमा अनंत है। संपूर्ण कार्तिक मास को पुण्य मास माना गया है। इसमें पूरे माह भर उषा कालीन बेला में कार्तिक स्नान की सनातन परंपरा है, यहां के लोग परंपरागत रूप से भोर होने से पहले महानदी के त्रिवेणी संगम में पहुंचकर स्नान ध्यान कर भगवत पूजा में लग जाते हैं। इस क्षेत्र के अनेक गांवों में विशेष कर रात्रि कालीन बेला में चौक चौराहे पर कार्तिक पुराण और विष्णु पुराण का सामूहिक आयोजन होता है। कार्तिक शुक्ल नवमी को आंवला नवमी के रूप में जाना जाता है, इस दिन आंवला वृक्ष के नीचे सामूहिक भोजन प्राप्त करने की सनातन परंपरा रही है जिसका निर्वाह श्री दूधाधारी मठ एवं इससे संबंधित सभी मठ मंदिरों में किया जाता है, इसी सिलसिले में श्री दूधाधारी मठ के रामबाग में यह भक्ति पूर्ण आयोजन प्रातः कालीन बेला में पूर्ण हुआ जिसमें श्रद्धालुओं ने भगवान का भोग प्रसाद प्राप्त करके पुण्य लाभ अर्जित किया मुझे अनेक मठ मंदिरों के संचालन का उत्तरदायित्व प्राप्त हुआ है इसलिए सांध्य कालीन बेला में आप सबके बीच उपस्थित हुआ हूं।

A huge celebration of Amla Bhoj took place in Shivrinarayan Math.

उन्होंने कहा कि भगवान श्री हरि से संपूर्ण विश्व की सुख शांति एवं समृद्धि की कामना करता हूं। श्रद्धा,भक्ति एवं गरिमा पूर्ण आयोजन में शिवरीनारायण नगर पंचायत की प्रथम नागरिक श्रीमती अंजनी तिवारी, नगर पंचायत के उपाध्यक्ष राजेंद्र यादव, तहसीलदार शिवरीनारायण, थाना प्रभारी श्री अनंत एवं इनके पूरा स्टाफ, मुख्तियार सुखराम दास, पार्षद श्रीमती रीना तिवारी, जगदीश मंदिर के पुजारी श्री त्यागी महाराज, पूर्णेन्द्र तिवारी, वीरेंद्र तिवारी, भागवत प्रसाद तिवारी, दिलीप तिवारी, बृजेश केसरवानी, योगेश शर्मा, देवा लाल सोनी, कमलेश सिंह, हेमंत पल्लवी दुबे, अशोक गुप्ता, नीतू गुप्ता, पार्षद निरंजन कश्यप, पिंटू भट्ट, सागर केसरवानी, श्रीमती गायत्री राधेश्याम सोनी, रामचरण कर्ष, डॉ पीके मित्रा, शैलेंद्र केसरवानी, ओमप्रकाश सुल्तानिया, दामोदर श्रीवास, कुंदन श्रीवास, लखन केसरवानी, प्रतीक शुक्ला, जवाहर केसरवानी, राजेश भट्ट, योगेंद्र सोनी, खिलावन सोनी, हरि सोनी, गुड्डा सोनी, पुरेंद्र स्वर्णकार, ज्ञानेश शर्मा, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य जन तथा नगर एवं क्षेत्र निवासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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छग शिवरीनारायण से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट।

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