दोनों डोज कम्पलीट होने के बावजूद आ रहे टीके लगने के मैसेज।
बिना टीके लगे जारी हो रहा सर्टीफिकेट।
एमपी शहडोल से सुनील मिश्रा की रिपोर्ट।
शहडोल। शहडोल पूर्व में जिले के विभिन्न स्थानों में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कर वाहवाही लूटने वाले शहडोल जिले में इन दिनों नए रिकार्ड बनाए जा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि लक्ष्यपूर्ति के दबाव में अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा फर्जी तरीके से वैक्सीनेशन के डोज पूर्ण कराए जा रहे हैं। जिले में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
दोनों डोज लगने के बावजूद पुनः आ रहा मैसेज।
जिले में कई ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें वैक्सीनेशन की दोनो डोज पहले ही लग चुकी हैं, उन्हें मोबाइल फोन पर पुनः मैसेज आ रहा है कि आपको फला दिनांक को दूसरी डोज सफलतापूर्वक लगाई जा चुकी है। लोगों का इस सम्बंध में कहना है कि हमें तो काफी दिनों पूर्व दूसरा टीका लग चुका है किन्तु पुनः मैसेज के माध्यम से बताया जा रहा है कि आपको दूसरा टीका लग चुका है। इस तरह के मैसेज से लोग वैक्सीनेशन की गंभीरता को लेकर प्रश्नचिन्ह उठा रहे हैं।
टारगेट पूरा करने फीडिंग में हो रही गड़बड़ी।
वर्तमान में शासन द्वारा चलाए जा रहे महावैक्सीनेशन अभियान के तहत जिले के स्वास्थ्य विभाग एवं सम्बंधित अधिकारियों को लक्ष्य पूर्ति हेतु टारगेट दिया गया था। संभवतः टारगेट पूरा करने के फेर में आकड़ों की गड़बड़ियाँ सामने आई हैं। लोगों के मोबाइल पर 10 नवम्बर से 12 नवम्बर के बीच गड़बड़ियों के ज्यादा मैसेज आए हैं। उनमें ज्यादातर ऐसे मामले हैं जिन्हें दोनो डोज लग चुकी हैं। उसके बावजूद उन्हें मैसेज के माध्यम से पुनः सूचित किया गया कि आपको आज वैक्सीन की दूसरी डोज लगी है।
दूसरी डोज लगी नहीं बता दिया कम्पलीट।
नवम्बर माह में कई ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनके दूसरी डोज की डेट ड्यू है, उन्हें मैसेज के माध्यम से सूचित किया गया कि उनकी दूसरी डोज कम्पलीट हो चुकी है। ऐसे मैसेज से लोग परेशान होकर वैक्सीनेशन सेन्टर पहुंच रहे हैं, कि हमने तो अब तक वैक्सीन लगवाई ही नहीं और हमारे मोबाइल पर दूसरी डोज कम्पलीट होने का एसएमएस आ गया।
मोबाइल नंबर फीडिंग में हो रही गड़बड़ी।
टीकाकरण प्रभारी डॉ.अंशुमान सोनारे से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि फीडिंग के समय मोबाइल नंबरों की फीडिंग में कभी-कभी गड़बड़ी होने के कारण ऐसा हो सकता है कि किसी दूसरे के मोबाइल पर मैसेज चला जाए, जबकि मोबाइल नंबरों की फीडिंग में गड़बड़ी होने पर क्या उसी व्यक्ति का नाम और सर्टीफिकेट जनरेट हो जाएगा जिसे टीका लगा है, क्या टीका लगाते वक्त व्यक्ति का नाम नहीं पूछा जाता? क्या फीडिंग करते वक्त उस व्यक्ति का नाम और तय दिनांक नहीं शो होता। मोबाइल नंबर की गड़बड़ी होने पर भी किसी दूसरे व्यक्ति का नाम नहीं आता, उसी व्यक्ति का नाम आता है जिसे उस मोबाइल नंबर से पूर्व में टीका लग चुका है। संभवतः टीकाकरण के टारगेट को पूरा करने के दबाव में ऐसी गड़बड़ियां हो रही हैं।
एमपी शहडोल से सुनील मिश्रा की रिपोर्ट।