जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में आदेश डफरिन अस्पताल पर दबाव कम करने सामुदायिक केंद्रों को सशक्त बनाएं : कलेक्टर
जनता से जुड़ी हर योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए रात 9:00 बजे तक चल रही बैठक।
सागर से विपिन दुबे की रिपोर्ट।
सागर। जनता से जुड़ी शासन की हर योजनाओं के सफल परिणाम मुझे 100 फीसदी चाहिए! बात चाहे शिशु मृत्यु दर की हो या कुपोषण सहित अन्य गंभीर बीमारियों की; अस्पतालों में 24 घंटे हर इंतजाम होना चाहिए और समस्याएं 0 चाहिए। स्वास्थ्य से जुड़े किसी भी मसले पर यदि अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित नौकरी करने के काबिल नहीं रहेगा। यह दो टूक अपने कार्यों से छवि बनाने वाले सीएम की गुड लिस्ट में शामिल सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने हर विभाग के मुखिया को दिए हैं। उनका फोकस है खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी शासन की योजनाएं धरातल पर लक्ष्य की ओर दीखें। कलेक्टर दीपक आर्य के नेतृत्व में सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए हर रोज तीन से चार बैठकें रात 9:00 बजे तक चल रही हैं; जिनके परिणाम भी जनता के सामने हैं। हाल ही में उन्होंने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक लेकर विशेष निर्देश दिए हैं कि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को इतना सशक्त बनाया जाए कि ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक ना भागना पड़ा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के जेडी; सीएमएचओ और सिविल सर्जन से कहा है- जिला चिकित्सालय स्थित डफरिन अस्पताल का दबाव कम करने के लिए अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सिविल अस्पतालों को सशक्त बनाएं। शिशु एवं मातृ मृत्यु दर कम करने हरसंभव प्रयास किये जाएं।शिशु टीकाकरण के लिए एसएमएस के माध्यम से सूचित करें। कलेक्टर दीपक आर्य ने जिला स्वास्थ समिति की बैठक में स्वास्थ विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि अनमोल पोर्टल पर गर्भवती एवं शिशु की शत प्रतिशत एंट्री की जाए। शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को शून्य करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं और गर्भवती एवं नवजात शिशु की स्वास्थ्य विभाग के कैलेंडर के अनुसार लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी प्रकार से शिशुओं गर्भवती माताओं को समय-समय पर लगने वाली टीकाकरण के लिए एसएमएस के माध्यम से सूचित करें जिससे उनको समय पर टीकाकरण किया जा सके और सुरक्षित किया जा सके। कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि जिला चिकित्सालय में स्थापित डफरिन अस्पताल में अत्याधिक दबाव होने के कारण जिले की अन्य सामुदायिक एवं सिविल अस्पतालों को सशक्त बनाए जाएं जिससे जिले की गर्भवती माताएं अपने निकट के सामुदायिक सिविल अस्पताल में प्रसव करा सकें। कलेक्टर दीपक आर्य ने निर्देश दिए कि संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं एवं सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय अपने प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ जनहित को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाएं भी करें एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित होने वाली नसबंदी शिविरों में नसबंदी ऑपरेशन करने का कार्य भी करें।
सागर से विपिन दुबे की रिपोर्ट।