नागदा को कोरोना महामारी से मुक्त करने में रात दिन लगी हैं ये दो शेरनी।

नागदा को कोरोना महामारी से मुक्त करने में रात दिन लगी हैं ये दो शेरनी।

नागदा से संजय शर्मा की रिपोर्ट।

नागदा नगर में जब से कोरोना जैसी घातक बीमारी का प्रकोप कभी कम नहीं हुआ होता अगर प्रशासन पूरी तरह मुस्तेद नहीं हुआ होता।

लॉकडाउन के पहले दिन से लगातार नागदा नगर का प्रशासनिक अमला भी एक पैर पर खड़े होकर अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहा है, जिसमें नागदा नगर पुलिस अधीक्षक मनोज रत्नाकर, थाना प्रभारी रामचरण शर्मा, आईपीएस अभिनव चौकसे,  एसडीएम आरपी वर्मा , तहसीलदार विनोद शर्मा, नगर पालिका सीएमओ प्रभारी बसंत रघुवंशी यह सभी अधिकारी कहीं ना कहीं अपने अपने ढंग से पूरे नगर की सुरक्षा में दिन रात लगे हुए हैं।

जिसके चलते ही आज नागदा नगर 0% कोरोना पॉजिटिव है। यदि इनकी सतर्कता ना होती तो शायद नागदा नगर भी लगभग 80 से 90% कोरोना की चपेट में आ जाता यह बात थी पुरुष प्रधान प्रशासनिक अधिकारी अमले की।

महिला प्रशासनिक अधिकारी नयाब तहसीलदार अनु जैन और सलोनी पटवा जो किसी से भी समझौता नहीं करती हैं  अगर बात नगर की सुरक्षा की हो।

अब हम बात करने जा रहे हैं महिला प्रशासनिक अमले की। जी हां जब से नागदा नगर में कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं तब से अपने अपने पद पर काबिज़ नायब तहसीलदार अनु जैन और सलोनी पटवा को भी कभी भी पीछे हटते हुए नहीं देखा गया है। ये दिन रात स्वयं एवं अपनी टीम के साथ पूरे नगर में निगरानी कर रही हैं। वैसे तो पूरे प्रशासनिक विभाग में अन्नू जैन और सलोनी पटवा की दोस्ती के किस्से भी खूब सुनने को मिलते हैं। दोनों दोस्ती की अनूठी मिसाल हैं। आज के समय की यह दोनों मातृशक्ति आवश्यकतानुसार समय-समय पर बेवजह घूमने वाले लोगों को उन्हीं की जान बचाने के लिए समझाइश देती हैं। डराती हैं तो इसमें गलत क्या है, क्योंकि यदि इन दोनों महिला प्रधान अधिकारियों की बात करें तो यह स्वयं एक मातृशक्ति के रूप में पूरे नगर की जनता की रक्षा बिना समय का ध्यान रखे हुए सुबह 6:00 बजे से ही घर से निकलती हैं और पूरे नगर को सुरक्षित कर कर रात को 10:00 बजे तक मैदान में डटी रहती हैं ताकि नगर सुरक्षित रह सके।

एक मां की तरह अपने दायित्व का निर्वाह कर रही हैं यह दोनों  मातृशक्ति……

जिस तरह एक मां अगर अपने बच्चों को सुरक्षा के लिए डाँटती है, तो इसमें गलत क्या करती हैं ?

ऐसा ही एक मामला हमारे चैनल को आंखों देखा मिला है जिसमें एक दिव्यांग को किसी नियमों के विरुद्ध कार्य करने वाले व्यापारी को दंडित कर दिव्यांग को एक माह का राशन दिलाया तो यह बात उस दिव्यांग से पूछना चाहिए जिसकी मदद के लिए स्वयं मौके पर अनु जैन और सलोनी पटवा अपनी टीम के साथ पहुंची और उस दिव्यांग की मदद की।

अगर आप इन दोनों मातृशक्तियों के बारे में प्रतिदिन स्वयं जाकर भी पता करें तो आपको केवल इन लोगों की अच्छाई एवं काबिलियत ही नजर आएगी।

ऐसा ही मामला एक और हुआ किसी व्यापारी के द्वारा एवं अवैध रूप से बिक्री करने वाले सब्जी विक्रेताओं के द्वारा ली गई सब्जी को सामाजिक संस्थाओं को देकर भोजन व्यवस्था करने वाली इन दोनों मातृशक्ति की कभी तारीफ करने से नहीं चूकना चाहिए।

जिन्होंने एक तरफ किसी को दंडित किया तो दूसरे और सैकड़ों भूखे लोगों के पेट में अन्य पहुंचाने का कार्य किया है।

दंडित और चालानी कार्रवाई से प्राप्त राशियों को सामाजिक संस्थाओं में देकर प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का भरती हैं पेट  ये दोनों मातृशक्ति।

हम आपको बता दें कि यहां प्रतिदिन जो घर के बाहर बैठने वाले लोगों और बेवजह सड़कों पर घूमने वाले लोगों पर साथ चालानी कार्रवाई करने पर जो राशि प्राप्त होती है, वह ये मातृशक्ति अपनी जेब में ना रखते हुए सरकारी खजाने में जमा करवाती हैं एवं कुछ पैसों को सामाजिक संस्थाओं को भोजन वितरित करने में सहयोग प्रदान करती हैं।

नगर की जनता इनसे डरती नहीं है बल्कि गर्व और सम्मान करती हैं इन दोनों मातृशक्तियों का।

नगर में जब भी निगरानी के दौरान पूरे नगर का भ्रमण करती हैं तो नगर की जनता इनसे डरती नहीं है बल्कि इन पर गर्व करती हैं कि यह दोनों महिलाएं होकर स्वयं पूरे नगर को सुरक्षित करने में स्वयं का  कितना बड़ा योगदान कर रही हैं।

इस बात के लिए इन पर गर्व और सम्मान करती हैं ऐसा कहना है नगर जनता का…. हम हमारे चैनल के माध्यम से इन दोनों मातृशक्ति नायब तहसीलदार अनु जैन और सलोनी पटवा के लिए दिल से आभार व्यक्त करते हैं। एसडीएम आरपी वर्मा एवं नवागत कलेक्टर मनीष सिंह से अपेक्षा करते हैं की इन मातृशक्ति ने कोरोना मुक्त करने में नगर में जो अपनी अहम भूमिका एवं दायित्व को निभाया है उसके लिए जरूर इन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए जो कि इनका स्वयं का अधिकार है। मैं नगर की जनता की ओर से यह अनुरोध करता हूं कि इन दोनों मातृशक्ति का मनोबल बढ़ाने में हम सभी समन्वित रूप से सहयोग दें।

अगर कोरोना को हराना है तो हमें और भी सख़्त लफ़्ज़े में लोगों से लॉकडाउन का पालन करना होगा ताकि नगर को ही नहीं पूरे देश में महिलाओं को अनु जैन और सलोनी पटवा बनना पड़ेगा। हम प्रशासन से मांग करेंगे कि कोरोना जंग के बाद इन दोनों महिलाओं को सम्मानित किया जाए जिन्होंने कोरोना की इस जंग में अहम योगदान दिया है। चाहे डांटकर , चाहे प्यार से या फिर फटकार से लॉकडाउन का पालन करवाया नगर इन दोनों को दिल से सलाम करता है।

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