म.प्र.कृषि उपज मंडी अधिनियम अध्यादेश को निरस्त करने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन।
बरेली से यशवन्त सराठे की रिपोर्ट।
कृषि उपज मंडी बरेली के सचिव जीएस भरतार, कर्मचारियों ने कृषकों एवं मंडी कर्मचारियों के भविष्य एवं हितों को देखते हुये वर्तमान अधिनियम 1972 एवं उसके अधीन 259 मंडियों पर पड़ने वाले कुप्रभावों की ओर ज्ञापन के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराया।
ज्ञापन में कहा गया है कि इस अध्यादेश की घारा 5 से शासकीय मंडिया प्रभावित होगी।
अध्यादेश के लागू होने से मंडियों का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा। अधिकारी एवं कर्मचारियों का भविष्य भी नष्ट हो जायेगा।
इस अध्यादेश से सभी कर्मचारियों की मानसिक स्थिति अस्थिर बनी हुई है।
यह भी बताया कि इस अध्यादेश के लागू हो जाने से मंडी समितियां शक्तिविहीन हो जायेगी।
इससे किसानों का शोषण होगा, निजी मंडियों की मनमानी चलेगी। मंडी समिति के आय के स्त्रोत भी समाप्त हो जायेंगे।
इस अधिनियम से मध्यप्रदेश की कृषि उपज मंडी की धाराओं का ओचित्य समाप्त हो जायेगा।
ज्ञापन सौंपने वालो में मंडी सचिव जीएस भरतार, जीवनलाल सराठे मंडी निरीक्षक, शोभाराम ठाकुर, राजेश रजक, गिरीश कुमार, रमेश मालवीय आदि कर्मचारी मोजूद थे।