पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने आज ज़ूम एप्प के माध्यम से मीडिया को संबोधित किया।
रायसेन से मिथलेश मेहरा की रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जवाब दें कि वो कांग्रेस की किसानों के लिए वरदान साबित हुई जय किसान फसल ऋण माफी योजना शुरू रखेंगें या बंद करेंगें: सचिन यादव।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना
प्रथम चरण में 20.22 लाख किसानों का 7 हज़ार 137 करोड़ रुपये का कर्ज़ माफ हुआ है।
इनमें 10 लाख 30 हज़ार एनपीए कालातीत डिफॉल्टर 2 लाख तक का एवं 9 लाख 92 हज़ार किसानों के चालू खातों का 50 हज़ार तक का माफ हुआ है।
द्वितीय चरण में 1 लाख 87 हज़ार किसानों के चालू खातों 50 हज़ार से 1 लाख तक का लगभग 2 हज़ार करोड़ का कर्ज माफ की स्वीकृति दे चुके थे, द्वितीय चरण में कुल 6 लाख 61 हज़ार 347 किसानों का 4 हज़ार 456 करोड़ का कर्ज माफ करने की योजना थी।
तृतीय चरण जिसमें 1 लाख से लेकर 2 लाख तक चालू खाताधारक किसानों को सम्मिलित करना था जिसमें 4 लाख 80 हज़ार 897 किसानों के 6 हज़ार 836 करोड़ रुपये के ऋण माफी की योजना थी।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना में जनता के साथ साथ भाजपा के नेताओं के कर्ज़माफ हुए हैं।
इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के परिजन रोहित सिंह, निरंजन सिंह, झाबुआ से भाजपा प्रत्याशी बालू भूरिया के माता पिता का कर्ज माफ, कृषि मंत्री कमल पटेल जी की पत्नी रेखा पटेल का 45 हज़ार 428 रुपये का कर्ज माफ हुआ।
उद्यानिकी फसलों के लिए राहत राशि
मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को 7 मई 2020 को पत्र लिखकर प्रदेश के फल एवं सब्जी उत्पादक किसानों की कोरोना महामारी एवं लॉकडाउन की वजह से खराब हो रही फसलों का तत्काल उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग की थी, मगर मुख्यमंत्री ने अभी इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है जो बड़ा दुःखद है,
प्रदेश का प्याज़, टमाटर उत्पादक किसानों को अपनी फसलों के दाम नहीं मिल रहे है। टमाटर के उचित दाम नहीं मिलने से किसान जानवरों को खिलाने को मजबूर है।
प्याज़ 1-2 रुपये किलो बेचने को मजबूर हैं जबकि हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री प्याज़ प्रोत्साहन योजना में खरीदी की थी जिससे किसानों को उसकी मेहनत का पूरा दाम मिल सके।
उपार्जन में उलझा अन्नदाता
प्रदेशभर में इस वर्ष किसानों की कड़ी मेहनत से गेंहू की बंपर पैदावार हुई है, मगर भाजपा सरकार में किसानों की गेंहू खरीदी केंद्रों पर तुलाई के लिए 4-5 दिन लग रहे है जब तक किसान अपनी उपज तुलाई के लिए पहुंचता है तो उसके एसएमएस की वैधता ही खत्म हो जाती है और उपार्जन केंद्रों पर ट्रैक्टरों की 3 से 4 किमी की लाइने लगी हुई है, किसानों की पिटाई की जा रही है, श्योपुर-रायसेन जिले की घटनाओं को आप मीडिया ने साथियों ने दिखाया भी है,
श्योपुर में तहसीलदार द्वारा किसानों की पिटाई की गई, रायसेन में हम्मालों द्वारा किसानों से पिटाई की गई ।
सरकार वादा कर रही है कि 3 दिन में किसानों का भुगतान कर रही मगर हक़ीक़त में 10-10 दिनों तक भुगतान नहीं हो रहा है।
चना खरीदी में किसानों को परेशान किया जा रहा है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बोलते थे हम 2100 रुपये किसानों की मिट्टी खरीद लेंगें जबकि अभी हक़ीक़त में अगर चने में एक भी तेवड़ा, मसूर या गेंहू का दाना भी मिलने पर चने को रिजेक्ट कर रहे हैं।
सेंट्रल कोरोना पैकेज में किसानों को राहत नहीं
मोदी सरकार अपने आपको किसान हितेषी बताती है मगर लॉकडाउन के पैकेज में किसानों को कोई भी राहत प्रदान नहीं की है। कांग्रेस सरकार से मांग करती है कि सभी किसानों को 10-10 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की घोषणा करें।
बिजली बिल का अत्याचार
हमारी सरकार ने किसानों को इंदिरा ज्योति योजना के तहत मिनिमम दर पर बिजली देना प्रारंभ किया। जहां शिवराज सरकार किसानों को 1400 रुपए प्रति हाॅर्स पावर की दर से बिजली बिल जमा करा रही थी तब हमारी कमलनाथ सरकार ने सीधे आधे दर 700 रुपए प्रति हाॅसपावर की दर पर बिजली दी साथ ही किसानों को सबसे कम दर 0.44 पैसे प्रति यूनिट पर बिजली प्रदान की और आज फिर हर तरफ बिजली बिलों की मार प्रारंभ हो गई। मुझे एक साथी ने सुखी सेवनिया ग्राम सैया सेमरा के एक किसान का वीडियो भेजा जिसमें किसान ने बताया कि बिजली बिल जमा न करने पर कम्पनी वाले उसकी मोटर साइकिल उठा ले गए। उसने अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए घर पर रखे गेहूं को बेच बिल जमा कर दिया फिर भी अभी तक उसकी मोटर साइकिल उसे नहीं मिल रही है। ये कैसा दौर फिर मध्यप्रदेश में आ गया। फिर अत्याचार के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।
सरकार की अवैध ऋण वसूली जारी
एक बार फिर शिवराज सरकार ऋण वसूली पर आमादा है जबकि देश की सरकार के नियमानुसार राष्ट्रीय आपदाओं में किसी भी प्रकार का ऋण वसूली नहीं होगी पर शिवराज सरकार में किसानों को उनकी उपज का पैसा सीधे नहीं मिल रहा है बल्कि किसानों के ऋण खाते में जमा किया जा रहा है। जिससे बैंक उनसे अवैध वसूली कर रही हैं इसमे भी मज़ेदार बात यह है कि विज्ञापन प्रेमी शिवराज सिंह की सरकार विज्ञापनों में 31 मई 2020 तक ऋण वसूली स्थगित करने की बात कर रही है।
आपदा पर आपदा:
एक तरफ सरकार के अत्याचार, कोरोना वायरस के कारण मार और अब टिड्डी दल का हमला। फसल का उचित मूल्य मिल नहीं रहा। ऐसे में टिड्डी दल ने हमला कर दिया। मध्यप्रदेश में टिड्डी दल का हमला हो चुका है। समय दिन और टिड्डी दल की तादाद सभी शिवराज सरकार को पहले से पता थी फिर भी टिड्डी दल को रोकने खत्म करने दवाई के छिड़काव के इंतजाम नहीं किए। नतीजा किसानों की खड़ी फसल को टिड्डी दल चौपट कर गया।