भिवंडी में ईद त्योहार से पहले दूध के दाम में आया उबाल।
भिवंडी से मुस्तकीम खान की रिपोर्ट।
दूध के भाव में सट्टा बाजारी पर नागरिकों ने रोक लगाने की मांग।
भिवंडी। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लॉकडाउन के इस महासंकटकाल में जैसे-जैसे ईद का त्यौहार नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे भिवंडी में दूध विक्रेता त्यौहार के मौके का फायदा उठाकर दूध के भाव में रोज तेजी से वृद्धि कर रहे हैं। जिससे नागरिकों में भारी नाराजगी व्याप्त है।
शहर के नागरिकों ने जिला प्रशासन से दूध के भाव में चल रही रोज की सट्टा बाजारी पर रोक लगाम लगाने की मांग की है।
गौरतलब हो कि विगत कई वर्षों से भिवंडी शहर में दूध विक्रेताओं की यूनियन ने रोज दूध का भाव खोलने का नियम लगा रखा है। जबकि दूध के भाव तय करने का कार्य जिला प्रशासन के अंतर्गत आता है, लेकिन दूध विक्रेताओं की मनमर्जी और हठधर्मी के आगे प्रशासन पंगु बनता नजर आ रहा है। बता दें कि भिवंडी शहर में पिछले 48 घंटे में दूध का भाव 54 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 68 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इस संदर्भ में एमआईएम नेता शादाब उस्मानी ने बताया कि 48 घंटे पहले दूध का भाव चोपन रुपए प्रति लीटर था। उसके बाद 60 प्रति लीटर हुआ और उसके बाद दूध माफियाओं ने दूध का भाव 64 लीटर किया गया। अब सीधे त्यौहार से 2 दिन पहले दूध का भाव 68 रुपये प्रति लीटर में कर दिया गया है। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि ईद के पहले की रात को दूध का भाव 70 से 80 रुपये के बीच में किए जाने की संभावना है। शादाब उस्मानी ने इसे जनता के साथ छल और कालाबाजारी बताते हुए दूध विक्रेताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एमआईएम नेता उस्मानी ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उनका तो सिद्धांत है। “अपना काम बनता, तो भाड़ में जाए जनता” के फार्मूले पर इस शहर में शासन के अधिकारी दूध विक्रेताओं से मिलकर के कार्य कर रहे हैं। उस्मानी ने जनता से अपील की है कि खुले में बिकने वाले दूध का जनता बहिष्कार करें और पैकेट वाले दूध की एमआरपी देखकर के दूध खरीदें। इससे इस लॉकडाउन की महामुसीबत की घड़ी में जनता को काफी राहत मिलेगी।