मांगे न माने जाने पर 16 जून से आंदोलन को मजबूर होंगे व्यापारी: अजीत सिँह बग्गा।

मांगे न माने जाने पर 16 जून से आंदोलन को मजबूर होंगे व्यापारी: अजीत सिँह बग्गा।

वाराणसी से संतोष कुमार सिंह की रिपोर्ट।

वाराणसी। पूर्वांचल के कुटीर उद्यमी, व्यापारियों तथा मध्यमवर्ग की दुर्दशा को देखते हुए वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि इस असंगठित क्षेत्र के हजारों लाखों व्यवसायियों की आजीविका को देखते हुए सरकार द्वारा कुटीर उद्योग के व्यवसायियों और इससे जुड़े लाखों लोगों के लिए सरकार को अविलंब राहत पैकेज घोषित करना चाहिए।

अजीत सिंह बग्गा ने कहा की इस क्षेत्र ने हमेशा सरकार और स्थानीय प्रशासन की हर मौके पर मदद की है परंतु आज यह खुद अपनी मदद का मोहताज हो गया है।

प्रशासन द्वारा इन क्षेत्र की अनदेखी पर वाराणसी व्यापार मंडल ने यह भी फैसला किया है कि अगर 15 जून तक राज्य सरकार या प्रशासन द्वारा व्यापारी की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो क्षेत्र के व्यापारिक संगठनों द्वारा क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा।

वाराणसी व्यापार मंडल ने सरकार से मांग की है कि व्यवसायियों की ईएमआई को एक साल के लिए माफ किया जाए। सभी प्रकार के ऋण खातों के ब्याज माफ किये जायें। नगर निगम की दुकानों के किराए माफ किये जायें। और व्यापारियों के दुकानों, संस्थानों का आधा किराया सरकार द्वारा दिया जाए।

बिजली के फिक्स चार्ज अन्य खर्च माफ किए जायें तथा खर्च यूनिट का ही बिल लिया जाए। लॉकडाउन अवधि तक स्कूलों की फीस माफ की जाये। कुटीर उद्योगों को बिना गारंटी एक लाख से पाँच लाख तक के लोन स्वीकृत किये जायें।

अजित सिंह बग्गा ने प्रशासन से ये भी कहा कि यदि सरकार कुटीर व्यवसायी, उद्यमियों को पुनर्जीवित करती है तो ये उद्योग वाराणसी के हजारों प्रवासी मजदुरों को रोजगार प्रदान करेगा। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रशासन को दुकानदारों, कुटीर व्यापारियों, व्ययसाइयों की समस्याओं को तुरंत हल करने की मांग करते हुये चेताया है कि यदि 15 जून तक इन पर विचार नहीं किया जाता तो सभी व्यापारी क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन पर मजबूर हो जायेंगे।

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