औरंगाबाद से लौटी महिलाओं को मिला मनरेगा में रोज़गार

औरंगाबाद से लौटी महिलाओं को मिला मनरेगा में रोज़गार

नज़रपुरा में कर रही है तालाब का निर्माण

कलेक्टर-सीईओ ने मुलाकात कर की चर्चा

हरदा जून 2020/कोरोना वायरस संक्रमण के कारण घोषित लॉकडाऊन के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर अपने घरों को लौटे हैं। मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार इन प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में कार्य दिया जा रहा है। नज़रपुरा पंचायत में शासकीय तालाब के निर्माण कार्य में औरंगाबाद से लौटी श्रमिक महिलाओं को रोज़गार मिला है। सोमवार को कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा एवं  सीईओ ज़िला पंचायत श्री दिलीप कुमार यादव ने नज़रपुरा में तालाब निर्माण कार्य का निरीक्षण कर इन महिलाओं से चर्चा की। महिलाओं ने रोज़गार मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि औरंगाबाद से लौटने पर उन्हें रोज़गार की चिंता थी परंतु रोज़गार सहायक द्वारा उनका मनरेगा जॉब कार्ड बनवाकर उन्हें तालाब निर्माण में काम दिया गया है।

जिला पंचायत सीईओ श्री यादव ने बताया कि नज़रपुरा ग्राम में 166 मज़दूर औरंगाबाद से लौटे हैं। ये सभी मज़दूर भवन निर्माणआम तोड़ने एवं संतरा तोड़ने के कार्य के लिए गए थे। लॉकडाऊन के कारण घर लौटने पर 14 दिन क्वारंटीन करने के बाद इन्हें मनरेगा में काम दिया जा रहा है। नज़रपुरा में 70 परिवारों के जॉब कार्ड रिज़्यूम किए गए हैंवहीं 10 परिवारों के नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं। 66 महिलाओं को तालाब निर्माण के कार्य में लगाया गया है। जिन श्रमिकों के बैंक खाते नहीं है उनके खाते खुलवाए जा रहे हैं। संबल योजना के अंतर्गत सभी का पंजीयन भी करवाया गया है। जिला प्रशासन अधिक से अधिक कार्य मनरेगा के अंतर्गत प्रारंभ कर रोजगार सृजन के प्रयास किए जा रहे है। बाहर से लौटे मज़दूरों के जॉब कार्ड बनाकर उन्हें काम दिया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में हज़ार से अधिक नए मज़दूर मनरेगा में जोड़े गए हैं। वहीं  10 हज़ार 186 परिवारों के 17 हज़ार 502 श्रमिकों को रोजगार दिया गया है। आगामी वर्षा ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए जल संवर्धन एवं वृक्षारोपण के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है।

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