वन स्टॉप सेन्टर ने ….. लड़की को सुरक्षित उसके घर पहुँचाया।

वन स्टॉप सेन्टर ने …..
लड़की को सुरक्षित उसके घर पहुँचाया।

अजय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट।

एक 19 वर्ष की लड़की भटिंडा पंजाब से इंदौर में लॉकडाउन के पहले 21 मार्च को आ गयी थी। 22 मार्च से लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्ट बंद होने से, लड़की महिला थाना गयी।

जहां से आश्रय हेतु वन स्टॉप सेंटर लाया गया। चूंकि वन स्टॉप सेन्टर में केवल 5 से 7 दिन का ही आश्रय दिए जाने का प्रावधान है तो लड़की को स्वाधार गृह में आगामी आश्रय हेतु भेजा गया।

किन्तु लड़की को अपने घर जाने का इतना जुनून था कि वो स्वाधार गृह से बिना बताए भाग गई। फिर पुलिस की सहायता से लड़की को स्वाधार गृह लाया गया।

लड़की की सुरक्षा की दृष्टि से स्वाधार गृह वाले लड़की को पुनः 2 जून 2020 को वन स्टॉप सेन्टर में आश्रय हेतु छोड़ दिये। लड़की के माता पिता गरीब हैं, इतने सक्षम नहीं हैं कि इंदौर आकर अपनी बेटी को घर ले जाते तो उन्होंने कहा कि प्रशासन ही छोड़ दे बेटी को।

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास जिला इंदौर सीएल पासी के निर्देशन में वन स्टॉप सेन्टर प्रशासक ने लड़की को भटिंडा उसके घर पहुँचाया और सकुशल माता पिता के सुपुर्द किया।

इस पूरे कार्य में केस वर्कर विजया देवड़ा, केअर टेकर आशा पाल एवं महिला हेल्प डेस्क के प्रधान आरक्षक कांतिलाल विश्वकर्मा की विशेष भूमिका रही। जिन्होंने लड़की को सुरक्षित उसके माता पिता के सुपुर्द करने तक अपना पूरा योगदान दिया।

कोरोना जैसी भीषण समस्या के तहत भी वन स्टॉप सेंटर के स्टाफ ने अपनी पूरी निष्ठा से महिलाओं की सहायता की है। महिलाओं को उनके घर जाकर परामर्श देना, पुलिस सहायता देना और घरेलू हिंसा के प्रकरण को हल किया है। लाकडाउन में ये एक बड़ी उपलब्धि है वन स्टाप सेंटर के लिए।

पसंद आई खबर, तो करें शेयर