डायलिसिस पर होने के बाद भी बुजुर्ग ने कोरोना को दी मात।
भिवंडी से मुस्तक़ीम खान की रिपोर्ट।
बुजुर्ग ने कहा डॉक्टरों ने बचा ली जान। कोरोना बीमारी से होने वाली मौत की खबर लोगों को काफी परेशान कर रही है।
कोरोना के साथ अन्य बीमारी से जूझ रहे लोगों की मौत अधिक हुई है। ऐसे में अन्य बीमारी के साथ जी रहे लोगों में कोरोना का डर घर कर गया है।
उन्हें 66 वर्षीय बुजुर्ग से प्रेरणा लेना चाहिए। किडनी की बीमारी से जूझने के बावजूद कोरोना को मात दे कर बुजुर्ग घर लौटे हैं।
वडाला के निवासी लालता प्रसाद दुबे 66 पिछले 8 महीने से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं और डायलिसिस पर हैं।
अचानक उनकी तबियत नरम पड़ गई और 17 मई को उन्हें केईएम अस्पताल में भर्ती किया गया। जांच में वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए। लालता प्रसाद दुबे ने बताया कि पहले तो काफी घबराहट हुई।
कई लोगों को अपनी आंखों के सामने दम तोड़ते हुए देखा है। डर भी लगता था, रोना भी आता था, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य स्टॉफ ने मेरा काफी ध्यान दिया।
अस्पताल में ही हर दूसरे दिन डायलिसिस भी होता था। दो बार मेरा टेस्ट किया गया। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मुझे शुक्रवार को डिस्चार्ज किया गया। शुरुआत में मैंने हार मान ली थी, लेकिन डॉक्टरों ने मेरा उपचार किया मेरा स्वास्थ्य बेहतर होते गया और आज मैं बिल्कुल ठीक हूं।
मैं लोगों से यही कहूंगा कि डॉक्टर पर भरोसा करें, घबराए नहीं और अपना मनोबल गिरने न दे। इस बीमारी से ठीक हो सकते हैं।