विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर प्यारेपुर नवनिर्माण समिति ने विनय कुमार का किया सम्मान।
नालन्दा से सन्तोष कुमार सिंह की रिपोर्ट।
किसान विनय कुमार ने लगाया आम का बगीचा। बाजार से आम के खरीदार पहुंच रहे प्यारेपुर गांव।
प्यारेपुर नवनिर्माण समिति ने नगदी फसल के क्षेत्र की क्रांति में सहायक बनने पर विनय कुमार को किया सलाम।
नालंदा सरमेरा। बिहार में अपनी अलग ही पहचान बनाने में मशहूर नालंदा जनपद के सरमेरा प्रखंड स्थित प्यारेपुर गांव में बिहार के लाल, विनय कुमार जी जो वर्तमान में भाभा ऑटोमिक रिसर्च में न्यूक्लियर साइंटिस्ट हैं और देश की सेवा में लगे हैं।
इसके साथ साथ गांव के लोगों को पुश्तैनी खेती के अलावा नगदी फसल की तरफ भी आकर्षित कर रहे हैं।
अपने बुद्धि विवेक से अपनी कार्यस्थली के साथ साथ जन्मस्थली को भी पूरा मान सम्मान दे रहे हैं।
अपने कर्तव्य को पूरा करने में विगत कई वर्षों से हैदराबद में ही सेवारत हैं। अवकाश के समय में वर्षो से गांव आते और खेतों में हो रहे नुकसान को सुधारने को लेकर उन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़ आम की बागवानी, मछली पालन जैसे खेती की तरफ कदम बढ़ाए।
बताया गया कि उन्होंने साल 2012 अगस्त महीने में पहली बार 100, दूसरी बार 2013 में 100, इसी तरह क्रमशः 2014, 2015 में भी 100 और 2016 में 80 अभी तक 480 पौधे लगवाए।
आज उनके द्वारा लगाए गए आम के बागान में बहुत सारी प्रजातियों के आम हैं जिसमें मालदा, बम्बई, जर्दालु, दसहरी, मल्लिका, हिमसागर, गुलाबखस, आम्रपाली, कृष्णभोग, बेगनपीली, हिमायत, अफसानों, कोबरी, केशर, पूषा, स्वर्णरेखा, महमूद बहार, पूसा श्रेष्ठ, सीपिया व अन्य और कई प्रजातियॉं है।
बचपन की याद से बताते चलें तो गांव में 4, 5 आम के बाग थे। जो धीरे धीरे खत्म होते जा रहे थे या लगभग खत्म से ही हो गए थे।
जो 10, 20 पेड़ बचे थे, उसी से गांव में आम मिल रहे या बाजार पर निर्भर थे लेकिन विनय कुमार जी ने धीरे धीरे थोड़े थोड़े आम की इतनी प्रजातियां और बड़े पैमाने पर खेती शुरू करवाकर एक बार पुनः से पुराने आम के बागान मालिकों के साथ साथ कुछ नए किसानों को भी आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिला।
नतीजन जो पुराने बगीचे आधे खत्म या खत्म होने की कगार पर थे उन्होंने नए नए पेड़ लगाए।
कुछ नए किसानों ने नए बगीचे लगाए। फलस्वरूप आज गांव में आम की इतनी पैदावार होने लगी कि अब ग्रामीण बाजार नही बाजार को आम लेने गांव आना पड़ रहा।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के उपलक्ष्य में प्यारेपुर नवनिर्माण समिति की तरफ से नगदी फसल के क्षेत्र में क्रांति में सहायक बनने पर प्यारेपुर के किसानो ने विनय कुमार जी को सलाम किया औऱ कहा की उन्होंने गांव के किसानों को एक नया सोंच नई राह दिखाए। साथ ही किसान द्वारा दो पंक्ति समर्पित किया गया कहा गया की यह पंक्ति हर उन किसानों को जो कुछ नया कर कृषि क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं, हर उन किसानों को जो धान, गेहूं की फसल में भी बदलाव करने को ततपरता दिखा रहे, हर उन किसानों को जो परंपरिक खेती के अलावे सब्जी, मछली, बकरी, मुर्गी पालन में आगे आ रहे हैं।
“लहरों को साहिल की दरकार नहीं होती,
हौसलें बुलंद हो तो कोई दीवार नहीं होती,
जलते हुए चिराग ने आंधियों से ये कहा,
उजाला देने वालों की कभी हार नहीं होती”
साथ की प्यारेपुर गांव के किसानों ने कहा की अगर आप सभी में से कोई भी लोग जून, जुलाई, अगस्त तक आम के पेड़ से सीधे आम खाने का आनंद लेना चाहते है तो मल्लिका प्रजाति को आजमा सकते हैं। गांव के आसपास या सुदूर बैठे लोग बगीचे के देखरेख कर्ता बटोरन सिंह से सम्पर्क कर सकते हैं उनका दूरभाष नंबर
+91 9546239978 है।