वैश्विक महामारी की स्टोरी। डॉ.आकाश एसोसिएट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान चला रहे मेरी बेटी मेरा वैभव अभियान।
वाराणसी से सन्तोष कुमार सिंह की रिपोर्ट।
वाराणसी। बताते चलें कि वाराणसी के भेलूपुर थाना अंतर्गत सोनारपुरा क्षेत्र स्थित बघाड़ा निवासी डॉ.आकाश कोरोना महामारी में अपने निवास और आसपास के क्षेत्रों में लोगों से रोज 500 मास्क बनवा कर वितरण करवा रहे हैं।
अपने निवास पर ही आयुर्वेदिक सैनिटाइजर भी बना रहे हैं डॉ.आकाश। जोकि आपदा प्रबंधन के यूएनडीपी एवं भारत सरकार के मुख्य प्रशिक्षक भी हैं।
आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वर्ष 2004 से निरन्तर कार्य कर रहे हैं वो 20 मार्च से कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए उससे बचाव के उपायों को खोजना शुरू किया।
जिसके क्रम में उन्होंने अपने निवास पर स्वयं के द्वारा सैनिटाइजर, मास्क तथा कैप जो कि उस समय मार्केट में बहुत ही कम मिल रहे थे उसी वक्त उन्होंने सोचा की क्यों ना सैनिटाइजर, मास्क तथा कैप बनाया जाए और और अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाए।
इसी क्रम में उन्होंने सैनिटाइजर तथा मास्क बनना शुरू किया। उस वक्त से अब तक लगभग 15000 लोगों को मास्क, सैनिटाइजर बनाकर पहले सिगरा के चंदवा चित्तूपुर स्थित सब्जी मंडी से शुरू किया तथा भीषण गर्मी को देखते हुए आरो का पानी लेकर चीनी नमक का घोल बनाकर 2 लीटर के बोतलों में भरकर वितरण करते थे।
जिससे गरीबों तथा जरूरतमंद लोगों परेशानी ना हो यही सोच रख कर वैश्विक महामारी को देखते हुए आज लोगों तक सैनिटाइजर, मास्क ओआरएस के साथ पार्ले तथा मैरी बिस्किट पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
वहीं डॉ आकाश का मानना है की वैश्विक महामारी का इलाज सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क ही है।
उन्होंने प्रशिक्षण शिविर एवं सोशल मीडिया के माध्यम से मास्क, सेनेटाइजर, टोपी तथा ORS बनाना सिखाया जिससे व्यापक जन सहभागिता सुनिश्चित हो सके। जिससे हर आदमी कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ कर जीत सके।