300 से अधिक कार्यकर्ताओं सहित राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने भाजपा का दानम थामा।

300 से अधिक कार्यकर्ताओं सहित राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने भाजपा का दानम थामा।

भोपाल से अजय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट।

भोपाल। आगामी विधानसभा में होने वाले उपचुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दिए हैं।

Rajvardhan singh dattgaon including more than 300 functionaries had a son of the BJP.
Rajvardhan singh dattgaon including more than 300 functionaries had a son of the BJP.

धार जिले के बदनावर क्षेत्र के 300 से अधिक कार्यकर्ताओं को पूर्व विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने राजधानी भोपाल आकर मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष भाजपा का दानम थामा।

कार्यकर्ताओं के शामिल होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में आपका स्वागत है।

ये एक परिवार है और आज से आप भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेकर इस परिवार के अभिन्न अंग बन गए हैं। अब हम सभी लोग एक टीम की तरह, मिलजुलकर आपके बदनावर विधानसभा क्षेत्र और पूरे प्रदेश के विकास के लिए काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने भाजपा की सदस्यता लेने वाले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी ने अच्छा फैसला लिया है और मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूं, बधाई देता हूं।

उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 15 महीनों तक कैसे सरकार चलाई, ये सब जानते हैं। इस सरकार ने विकास के कामों के लिए एक पैसा नहीं दिया और सारे काम ठप्प हो गए।

पंचायत का, नपा का पैसा खा गए, संबल सहित सारी योजनाएं बंद कर दीं। बच्चों की फीस भ्ररना बंद कर दी, कन्यादान के पैसे खा गए।

किसानों से कर्जमाफी का वादा किया, लेकिन सिर्फ 6000 करोड़ रुपये दिये। कर्जमाफी के चक्कर में किसान डिफाल्टर हो गए। किसानों को ब्याज भी भरना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने सभी को धोखा दिया।

वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया। मुख्यमंत्री ठेकेदारों से मिलते थे, विधायकों के लिये उनके पास टाइम नहीं होता था।

उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के समय जब प्रदेश तेजी से बरबादी के रास्ते पर जा रहा था, तब सिंधिया जी और राज्यवर्धन जी जैसे उनके साथियों ने विरोध किया।

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को समझाया। जैसे रावण ने उसे समझाने वाले भाई को लात मारकर भगा दिया था, वैसा ही अहंकार कांग्रेस में आ गया था।

उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को सड़क पर आकर निपटने की चुनौती दे डाली। कमलनाथ और दिग्विजयसिंह को उनके अहंकार का फल मिला और सरकार सड़क पर आ गई।

उन्‍होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने न कोरोना से निपटने का कोई इंतजाम किया, न गेहूं खरीदी का। प्रदेश में न कोरोना वायरस के टेस्ट होते थे, न ही गेहूं खरीदने के लिए बोरे थे। हमारी सरकार ने रात दिन मेहनत करके व्यवस्थाएं की।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आईफा अवार्ड की तैयारियों में व्यस्त रहे और उन्होंने प्रदेश को भगवान भरोसे छोड़ दिया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी ने 1.29 करोड़ टन गेहूं खरीदकर रिकॉर्ड बनाया और चना, सरसों भी खरीदे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में कोरोना महामारी भी नियंत्रण में है।

वहीं प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि भाजपा एक कार्यकर्ता आधारित पार्टी है, जिसमें मुख्यमंत्री भी कार्यकर्ता ही होते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से एक परिवार के रूप में काम करती रही है।

अब आप भी इस परिवार के सदस्य बन गए हैं। आप भाजपा परिवार में आए हैं और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम मिलजुलकर काम करेंगे और आपको कभी यह महसूस नहीं होगा कि आप बाहर से आए हैं।

उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में 15 सालों तक भाजपा की सरकार रही, जिसने पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया, लेकिन 15 महीनों के लिए आई कमलनाथ सरकार ने प्रदेश दुर्गति कर दी।

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