नशे के कारोबार में ट्रांसपोर्टर संचालक की संदिग्ध भूमिका।
नशीली दवाईयां विक्रय हेतु जबलपुर से शहडोल पहुंची, पुलिस ने कसा शिकंजा।
शहडोल से संभागीय ब्यूरो मोहित तिवारी की रिपोर्ट।
शहडोल। जिले में नशीली दवाओं एवं मादक पदार्थों के सेवन के बढ़ते प्रचलन के कारण सामाजिक जीवन में बेतहाशा बढ़ती निराशा का परिदृश्य पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने है।
मादक पदार्थों के सेवन के बाद अपराधियों की आपराधिक गतिविधियों के चलते भी शहडोल में कुछ गंभीर वारदातों को अंजाम दिया गया है। पुलिस अधीक्षक शहडोल सत्येन्द्र कुमार शुक्ल के शहडोल में पदभार ग्रहण करने के बाद से लगातार विभिन्न समुदायों एवं वर्ग के लोगों ने नशे पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की प्रतिबद्धता की अपेक्षा की जा रही थी।
एसपी अपने सभी मातहतों के माध्यम से नशा विरोधी अभियान संभव वैवानिक एवं दण्डात्मक प्रावधानों के तहत कार्यवाही के लिए लगातार निर्देश दे रहे हैं।
इसी क्रम में विगत दिनों थाना धनपुरी, बुढ़ार, सोहागपुर, कोतवाली, जैतपुर, जयसिंहनगर, गोहपारू आदि थानों में गांजा, कफ सिरप, नशीली टेबलेट एवं इंजेक्शन के खिलाफ वैधानिक कार्यवाहियां की गई हैं। स्थानीय स्तर के मादक द्रव्य विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही के साथ साथ समानांतर रूप से जिलाव्यापी गिरोहों एवं संगठित अपराधियों के संबंध में विशेष अभियान के तहत टीम लगाकर विशेष समग्र रणनीति के अनुसार व्यापक कार्यवाही की कार्ययोजना तय की गई थी।
इसी मुहिम के चलते विगत 2 दिवस में शहडोल जिले में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद हुए एवं इस कार्य में लंबे समय से शातिर तरीके से संलग्न अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा है। लगभग 2,50,000 ₹ का मादक पदार्थ जप्त करते हुए पुलिस ने नशीले पदार्थों के विक्रय के एक बड़े नेटवर्क को ध्वस्त किया है।
गत दिवस कोतवाली थाना क्षेत्रांतर्गत घरौला मोहल्ला स्थित महावीर ट्रांसपोर्ट के मालिक संदीप जैन के ट्रांसपोर्ट से बड़ी मात्रा में अवैध रूप से विक्रय हेतु पहुंची नशीली दवाई टफरेक्स सिरप की खेप ज़ब्त की गई।
इन नशीली दवाईयों के विक्रय हेतु जबलपुर से शहडोल पहुंची थी। पुलिस को सूचना मिली कि घरौला मोहल्ला में स्थित महावीर ट्रांसपोर्ट के मालिक संदीप जैन के द्वारा अजय मेडिकल के नाम से बिल्टी बनवाकर नशीली दवा टपारेक्स सिरप लगभग 6 पेटी मंगाया गया है जो कि अभी दुकान में माल रखा हुआ है।
इस सूचना पर पुलिस द्वारा महावीर ट्रांसपोर्ट जाकर संदीप जैन से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा नशीले पदार्थो के ट्रांसपोर्ट में अपनी संलिप्तता स्वीकार की गई। दुकान की तलाशी में 3 कार्टून में कुल 360 नग तपारेक्स सिरप बरामद हुआ।
पूछताछ पर संदीप जैन के द्वारा बताया गया कि जबलपुर से अंकुश यादव से माल लेकर यह अपने ट्रांसपोर्ट से ही उसे शहडोल लाया था। माल मंगाकर उसे दिनांक 17 जून को अनीश, शिशिर को दिया है जिसमें से असद खान का माल अभी नहीं ले गया था। जप्त माल के साथ आरोपी संदीप जैन के बताये अनुसार अनीश शाह निवासी पुरानी बस्ती के घर पर रेड की कार्यवाही की गई।
अनीस से पूछताछ करने पर संदीप जैन के ट्रांसपोर्ट के माध्यम से नशीली दवाईयां मंगाने की बात पाया। अनीस शाह के घर की तलाशी लेने पर दो कार्टून में कुल 240 नग टफरेक्स सिरप की बोतल बरामद हुई। आरोपी अनीस ने बताया कि वह एवं उसके अन्य साथी असद, शिशिर सिंह परिहार, महावीर ट्रांसपोर्ट संदीप जैन से नशीली दवाईयां मंगाया करते थे। ये माल अजय मेडिकल स्टोर के नाम से फर्जी बिल्टी बनाकर संदीप जैन के ही ट्रांसपोर्ट कंपनी “जय जिनेन्द्र“ के द्वारा जबलपुर से शहडोल लाया जाता था।
आरोपी के बताये अनुसार शिशिर सिंह निवासी ईरानी बाग के घर पर रेड कार्यवाही की गई। संदेही शिशिर सिंह के घर तलाशी लेने पर एक सफेद रंग की बोरी में कुल 120 नग टफरेक्स सिरप बरामद किया गया। इतनी बड़ी मात्रा में अवैध रूप से नशीली दवाईयों का संधारण एवं अवैध विक्रय करने के आरोप में आरोपीगण संदीप जैन पिता प्रेमचंद्र जैन उम्र 48 वर्ष निवासी घरौला मोहल्ला शहडोल, अनीस शाह पिता मोहम्मद वकील शाह उम्र 30 वर्ष निवासी पुरानी बस्ती शहडोल, शिशिर सिंह परिहार पिता हेमन्त सिंह परिहार उम्र 25 वर्ष निवासी ईरानी बाग शहडोल, असद खान पिता आसिफ खान निवासी मोदी नगर उम्र 49 वर्ष एवं अंकुश यादव निवासी जबलपुर के विरुद्ध मध्यप्रदेश औषधि नियंत्रण अधिनियम 1949 की धारा 5/13 और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8, 21, 22 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
संदीप जैन से पूछताछ में जबलपुर के अंकुश यादव द्वारा नशीली दवायें भेजने की जानकारी प्रकाश में आई है। अपराध की विवेचना के क्रम में अंकुश यादव की सघनता से खोजबीन की जा रही है। इस प्रकार इस पूरे अभियान में न केवल नशीले पदार्थो का विक्रय करने वाले अपराधियों बल्कि ट्रांसपोर्टर एवं जबलपुर के दवा व्यवसाय से जुड़े माफिया के खिलाफ भी कार्यवाही की गई है।
ज्ञात हो कि ट्रांसपोर्टर संदीप जैन द्वारा बिल्टी में दर्शाये गए ट्रांसपोर्ट शुल्क की बजाय दोगुनी राशि इन अपराथियों से वसूली जाती थी। लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्टर और इन अपराधियों ने इस पूरे धंधे में दोगुनी चौगुनी राशि वसूल की है। 50-60 रूपये प्रति बोतल के हिसाब से थोक में मिलने वाली कफ सिरप की बोतल को ये अपराधी 150 से 200 रूपये में अमूमन बेचते हैं।
लॉकडाउन के समय एक दवा की बोतल 400 रूपये में भी बेची गई है। इसी बीच कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि मोदी नगर निवासी असद खान पुत्र आसिफ खान के घर पर भारी मात्रा में मादक पदार्थ गांजा एवं नशीली दवाईयों का जखीरा छिपाकर रखा गया है।
कोतवाली पुलिस की दूसरी टीम ने इस सूचना पर ऑपरेशन प्रारंभ किया। असद खान के घर पर पहुंचकर पुलिस द्वारा सूचना की तस्दीक की गई। पहले तो असद खान और उसकी पत्नी ज्योति शुक्ला उर्फ अफसरी बेगम ने किसी प्रकार के नशीले पदार्थों के व्यवसाय में अपनी संलिप्तता से इंकार किया किन्तु पुलिस द्वारा विशिष्ट इनपुट के परिप्रेक्ष्य में जब पूछताछ की गई एवं घर की तलाशी ली गई तो दोनों पति पत्नी ने स्वीकार किया कि वे लोग गांजे और नशीले दवाईयों का विक्रय करते हैं।
पुलिस द्वारा उनके घर की सघन तलाशी की गई। तलाशी में पुलिस को लगभग 22 किलोग्राम गांजा कीमती 1,10,000 ₹ मिला जिसे जप्त किया गया है। असद खान ने अपने कब्जे में छिपाकर रखे गए तीन कार्टून में 360 बोतल कफ सिरफ के बारे में भी बताया। पुलिस द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में कफ सिरप अपने घर में छिपाकर रखने का कारण पूछा गया तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
असद खान द्वारा भी महावीर ट्रांसपोर्ट के माध्यम से कफ सिरप मंगाने की बात बताई गई। पुलिस द्वारा आरोपी असद खान एवं उसकी पत्नी ज्योति शुक्ला उर्फ अफसरी बेगम को गिरफ्तार किया गया है एवं इस नेटवर्क के बारे में गहराई से पूछताछ की जा रही है। आरोपियों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा 8, 20 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
इसी प्रकार थाना धनपुरी क्षेत्रांतर्गत सूचना मिली कि कच्छी मोहल्ला धनपुरी में रहने वाली मखतून बी उर्फ खैरहा वाली एक बोरी में नशीली दवाई तथा कफ सीरप कहीं से लेकर आई है तथा उसको कहीं बेचने ले जाने वाली है। सूचना विश्वसनीय होने पर मय राहगीर साक्षियों एवं महिला पुलिसकर्मी के शाम को सन्देहिया के घर पर दबिश देकर उसके घर की तलाशी ली गई। जहाँ उसके पलंग के नीचे से हरे रंग की भरी हुई बंधी बोरी में 80 शीशी टफरेक्स सीरप एवं दो पैकेट अल्प्राजोलम टेबलेट आईपी कुल 1600 टेबलेट जप्त की गई।
आरोपिया मखतून बी उर्फ खैरहा वाली से पूछताछ करने पर उसने ये नशीली दवाई असद अली निवासी शहडोल से लेना बताई। आरोपिया के विरूद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा 8 बी, 21, 22 एवं मध्यप्रदेश ड्रग कंट्रोल एक्ट की धारा 5/13 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
पुलिस की इन कार्यवाहियों से निश्चित रूप से शहडोल जिले में चल रहे नशीली दवाईयों के अवैध कारोबार पर काफी हद तक नकेल कसने में मदद मिलेगी। भविष्य में भी शहडोल जिले में अवैध रूप से चल रहे नशे के व्यापार पर शहडोल पुलिस की कार्यवाहियां जारी रहेंगी।
शहडोल पुलिस अपने विश्वसनीय मुखबिर तंत्र और आमजन के सहयोग से नशे के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों पर लगाम कसने को तत्पर है। नशे पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए जनसहयोग सबसे जरूरी है। आमजन से यही अपेक्षा है कि स्वयं नशे से दूर रहकर पुलिस प्रशासन को सहयोग प्रदान करें।
इस कार्यवाही में शामिल थाना कोतवाली, थाना सोहागपुर एवं थाना धनपुरी की टीम का प्रयास बेहद उल्लेखनीय एवं सराहनीय रहा है। सामूहिक कार्ययोजना एवं समन्वयपूर्ण सहभागिता के चलते ये कार्यवाहियां संभव हो सकी हैं। पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा सभी प्रतिभागी अधिकारी एवं कर्मचारियों को विशेष रूप से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।