ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड चिरमिरी में बीती रात हुआ हादसा।
कोरिया से अतुल शुक्ला की रिपोर्ट।
कुरासिया कॉलरी चिरमिरी खदान चिरिमिरी क्षेत्र में हादसा, व्यक्ति का नाम धनेश्वर, पिता पुनीत राम जो की ड्रिल ऑपरेटर का काम किया करता था। यूडीएम हेल्पर की उम्र लगभग 58 वर्ष, डिप्लारिंग पैनल नंबर 23 / P18, स्प्लिट गैलरी जबकि ब्लास्टिंग के लिए ड्रिलिंग, फेस होल लगभग पूरा हो चुका है। ड्रिल की छड ब्लास्ट के साथ बैक शिफ्ट संपर्क के फर्श में एक मिसफायर होल के कारण हादसा हुआ। जिस पर मौका ए वारदात पर कर्मचारी की मृत्यु हो गई।
जिसका आवास आज़ाद नगर गोदरीपारा है। जहां पर आज मातम का छाया हुआ है। जहां पर मनेद्रगढ़ विधान सभा के विधायक डॉ.विनय जायसवाल ने वहां पहुंचकर मामले की जांच की। कोल इंडिया द्वारा माइनिंग सरदार को सस्पेंड किया गया है।
छत्तीसगढ़ एसईसीएल चिरमिरी की खदानों में कर्मचारियों की सुरक्षा पखवाड़े के नाम पर हर वर्ष महज खानापूर्ति कर शासन के पैसों का कर रहा दुरुपयोग,
कोरिया के चिरमिरी साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड चिरमिरी क्षेत्र जहां कोयले की नगरी और मिनी इंडिया के रूप में जाना जाता है। वहीं पर एसईसीएल चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन अपने अड़ियल और तानाशाह रवैया से जहां चिरमिरी क्षेत्र के रहवासियों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
ऐसे में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और विधायक लगातार मजदूरों के हित के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
आपको बता दें कि कोल इंडिया का एसईसीएल प्रभाग जहां चिरमिरी क्षेत्र में कोयले की माइनिंग खुली खदान और बंद खदान के माध्यम से करता है। ऐसे में सुरक्षा तंत्र या यूं कह सकते हैं सुरक्षा पखवाड़ा हर वर्ष तो लगता है। जिसमें की कोयले की खदानों में होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए एक प्रकार से ट्रेनिंग दिया जाता है। साथ में यह बताया जाता है कि दुर्घटना से बचने के लिए किन किन नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। साथ ही सुरक्षा सामग्री के साथ सुरक्षा तंत्र को भी मजबूत बनाने के लिए चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन लाखों रुपए हर वर्ष सुरक्षा पकवाड़ा के नाम पर पानी की तरह बहा देता है। एसईसीएल परिक्षेत्र की बात किया जाए तो प्रत्येक वर्ष खदानों में होने वाली दुर्घटनाओं का यदि आंकड़ा लिया जाए तो सिर्फ और सिर्फ कॉलरी के सुरक्षा अधिकारी महज नाम मात्र के होते हैं।
बीती रात ही चरचा कॉलरी के ऑपरेटर की ड्यूटी के दौरान खदान में ही दुर्घटना होकर मजदूर की मृत्यु हो गई थी। इसी प्रकार से बड़ी घटनाओं की अभी बात किया जाए तो साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड अंजन हिल माइंस चिरमिरी में ही ऐसे ही खदान के अंदर सुरक्षा तंत्र के कमजोर हो जाने के कारण लगभग दो दर्जन मजदूर और ऑफिसर्स की मौत हो गई थी। वहीं कॉलरी के प्रबंधक मौत होने के बाद सिर्फ दिखावटी और खानापूर्ति करते हैं। इनके लिए किसी कॉलरी कर्मचारी की जान की कोई कीमत नहीं है। इसी प्रकार से साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड में अनेक यूनियन जो कि श्रमिकों के हित के संबंध में अपने आप को समर्पित होने का दावा तो करते हैं।
चिरमिरी कॉलरी भी प्रबंधन के दिशा निर्देश में ऐसी कई खदानें हैं। जिससे सटे कालोनियां और चिरमिरी के रहवासी निवास करते हैं। जहां पर जब चट्टानों को तोड़ने के लिए बारूद से ब्लास्टिंग की जाती है। ऐसे में कोयले और धूल की डस्ट पूरे आसमान पर और पूरे कालोनी और रहवासी क्षेत्रों में फैल जाती है। जिससे कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं बारूदी विस्फोट से कार्बन मोनोऑक्साइड भी वायुमंडल में फैल जाते हैं। जिससे मानव जीवन के साथ पालतू पशुओं और जानवरों पर भी इसका खतरनाक असर देखने को मिला है। ऐसी कई जगह है जहां से जमीनों में मोटी मोटी दरारें पड़ गई हैं। जिससे कि धुए के रूप में कार्बन मोनोऑक्साइड अनवरत निकल रहा है। जिसके चपेट में कई जानवर भी मौत के आगोश में समा गए।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन की हठधर्मिता और तानाशाह रवैया ने जहां सिर्फ कोयले की उत्खनन के अलावा मानव जीवन को लेकर जरा सा भी संजीदा दिखाई नहीं देता है ऐसे में चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन कॉलरी कर्मचारियों को महज एक रोबोट की भांति उपयोग में लाता है जबकि चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन के इस अड़ियल रवैया को कई बार मीडिया ने प्रमुखता से उठाया है लेकिन कालरी प्रबंधन की तानाशाह रवैया इस कदर है कि इन पर कोई असर देखने को नहीं मिलता है।
कई बार जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि भी प्रबंधन से बात की लेकिन अफसोस कि प्रबंधक को कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। कुछ भी नही हो सका, तब जनप्रतिनिधियों और विधायक, यूनियन सहित सड़क पर धरना देकर, जनता की सुरक्षा आप कर्मचारियों के हित के लिए मांग की।
चिरमिरी प्रबन्धन जनता की सुरक्षा को ठेंगा दिखाते हुए अपने अड़ियल रवैये पर कायम हैं। ऐसा लगता है कि कान में रूई डालकर बैठे हैं।