वन अधिकार अंतर्गत पट्टा वितरण को लेकर एसडीएम ने ली बैठक।
सिलवानी से श्रीराम सेन की रिपोर्ट।
शासन के निर्देशानुसार वन अधिकार पट्टा वितरण के कार्य में तीव्रता लाने हेतु आज तहसील एवं जनपद भवन में उपखंड स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सीईओ जनपद पंचायत अशोक इमने एवं एसडीओ वन विभाग सहित सभी पंचायतों के सचिव उपस्थित रहे।

बैठक में एसडीएम सुश्री संघमित्रा ने सचिवों को बताया की कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित ना रहे। एफसीआर के भी दावों पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए। वन अधिकार के तहत एससी, ओबीसी के कब्जे वर्षों से हैं लेकिन आदिवासियों का बरसों से कई संगठनों के माध्यम से जल, जंगल, जमीन की लड़ाई सदियों से चली आ रही है।
यह जाति भारत की मूलनिवासी जातियों में से एक है। इस कारण से वन अधिकार पट्टे के पात्र हैं। वन अधिकार अधिनियम 2006 में लागू हुआ उसके अनुसार आवेदनकारी व्यक्ति 1980 से 2005 तक की आयु सीमा 18 वर्ष होना निश्चित की गयी।
वे सभी पट्टे के हकदार होंगे। इस तरह की कई विसंगतियां सामने आ रही हैं। वन विभाग की भूमि पर अन्य कब्जे होने के कारण आदिवासियों को जमीन नहीं मिल पा रही और आदिवासी नए अतिक्रमण कर रहे हैं।
उसमें जंगल को नुकसान हो रहा है। इसी तरह अन्य लोगों के 50 से 100 एकड़ भूमि पर कब्जे हैं। उन्हें बेदखल किया जाए। वनांचलों में अन्य वर्ग के लोग भी बरसों से निवास कर रहे हैं और इनके पास कोई भी पैतृक संपत्ति, पैतृक भूमि नहीं है, उन्हें बेदखल ना किया जाए। वन भूमि पट्टे का आदिवासियों को संवैधानिक अधिकार है।