वनाधिकार पत्र धारकों हेतु अनेक लाभकारी योजनाएं प्रस्तावित।
शहडोल से मोहित तिवारी की रिपोर्ट।
वनाधिकार के निरस्त दावों का अभियान चलाकर पुनः परीक्षण कर स्वीकृति करने के निर्देश।
शहडोल। प्रदेश सरकार द्वारा वनाधिकार पत्र धारकों हेतु अनेक लाभकारी योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं, जैसे आवास योजना, वाहन सहायता, सिंचाई हेतु कूप योजना, डीजल विद्युत पंप योजना, भूमि समतलीकरण योजना, अन्य उर्वरक, बीज, उपकरण, बैलगाड़ी प्रधानमंत्री कृषक कल्याण योजना के तहत लाभ आदि।
कमिश्नर श्री नरेश पाल ने संभाग के तीनों जिलों के कलेक्टर, वनमंडलाधिकारी एवं सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग को पत्र जारी कर कहा है कि गत 27 जून को प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए गए निर्देश के परिपालन में व्यक्तिगत दावे समुदायिक दावों को सम्मिलित कर व्यक्तिगत दावों में आदिवासी तथा गैर आदिवासी एवं अन्य परम्परागत, ओटीएफडी दोनों समाहित हैं।
गाईड लाइन के प्रावधानों के अनुसार आदिवासी वर्ग के प्रकरणों में 2005 में जितने वन क्षेत्र पर कब्जा दखल रहा है। उनके प्रकरणों को मान्य किया जाना अपेक्षित है। गैर आदिवासी एवं अन्य परम्परागत ओटीएफडी के प्रकरणों में तीन पीढ़ी के काबिज होने के आधार पर कार्यवाही की जानी है। संभागायुक्त श्री नरेश पाल ने बताया कि इन योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को तभी प्राप्त हो सकेगा, जब उनके दावे मान्य होंगे।
उन्होंने संभाग में प्रकरणों के निराकरण के कम प्रतिशत पर एफआरसी द्वारा निरस्त किए गए दावों का पुनः परीक्षण कराने के निर्देश देते हुए कहा है कि एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से सम्पूर्ण कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
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अधिकारी हक प्रमाण पत्र वितरण करने की कार्यवाही कार्यक्रम आयोजित कर करने हेतु शासन से पृथक निर्देश जारी किए जायेगे।इस कार्य को अभियान के रूप में संपादित कराते हुए निर्देशों का पालन कराना सुनिश्चित करें।
जानकारी के मुताबिक सम्भाग के तीनों जिलों में ग्राम वन अधिकार समितियों की संख्या 1891 है, जहाँ कुल निरस्त दावे 26001 एफआरसी द्वारा एसडील कमेटी को 6129 दावे भेजे गए हैं, एफआरसी द्वारा अनुसंशित मान्य दावों की संख्या 3061, एफआरसी द्वारा अनुशंसित मान्य दावों की संख्या 1072, एफआरसी द्वारा अनुशंसित अमान्य दावों की संख्या 3445, तथा एफआरसी द्वारा अनुशंसित अमान्य दावों की संख्या 2056 है।