शहडोल में चल रहा गुंडाराज। आखिर क्यों कार्यवाही से परहेज़।
शहडोल से मोहित तिवारी की रिपोर्ट।
वंशिका ग्रुप द्वारा लगातार रेत का अवैध उत्खनन जारी:
सोहागपुर थाने के सामने से निकलती है रेत से भरी गाडियां पर नहीं दिखाई देती प्रशासन को।
मध्यप्रदेश सरकार लाख दावे कर ले की रेत खनन को लेकर नए नियम बनाये जा रहे हैं लेकिन शहड़ोल जिले में अवैध रूप से रेत निकालने का कार्य ज़ोरों से किया जा रहा है। वंशिका ग्रुप शासन प्रशासन के नियमों को नहीं मानता है। नियम कहते हैं कि नदियो में मशीन का उपयोग न किया जाये लेकिन शहडोल जिले में जब से वंशिका ग्रुप ने ठेका लिया है। रेत का अवैध उत्खनन तेजी से जारी है। रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि नदियों को स्वरूप बदल उनका दोहन किया जा रहा है। बरसात के समय चार माह नदियों से रेत निकालने पर शासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया परंतु शहडोल जिले में प्रतिबंध का जरा सा भी पालन नहीं किया जा रहा है।
शहर की जीवनदायिनी नदियों से बरसात के समय भी रेत अवैध रूप से निकाली जा रही है जिस पर जिला प्रशासन आंख बंद किये हुए है।
शहडोल। जिले की पचास रेत खदानों का ठेका वंशिका ग्रुप की वंशिका कंस्ट्रक्शन को मिला है जिन्हें पंचायतों के अधीन चल रही 4 खदानों का काम करने की अनुमति मिली लेकिन रेत निकालने में शासन के नियमों का पालन ठेकेदारों द्वारा नहीं किया जा रहा है। रेत खदानों में पोकलेन मशीन उतार कर खुलेआम खनन ठेकेदारों द्वारा कराया जा रहा है। रेत खनन में प्रवासी मजदूरों को काम देना अनिवार्य है लेकिन जानकारी के अनुसार कंपनी द्वारा बाहर से गुर्गो बुलाये गए हैं जो ग्रमीणों को धमकाते हैं या फिर कहें जिले में अब गुंडों का राज वंशिका ग्रुप द्वारा चलाया जा रहा है।
जिनके लिए ग्रमीणों को धमकाना, गोली चलाना आम बात सी है लेकिन इसके बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही न किया जाना समझ से परे है। विगत दिनों पहले भुरसी खदान में रेत का अवैध उत्खन करते हुए वंशिका ग्रुप की पोकलेन मशीन जप्त की गयी थी लेकिन प्रशासन से अच्छी पकड़ होने के कारण फिर से रेत का उत्खनन जारी कर दिया।
पकड़ाई पोकलेन:
वंशिका कंस्ट्रक्शन को आवंटित की गई ग्राम लोढ़ी की चुन्दी नदी रेत खदान में प्रतिबंध के बाद भी रेत का अवैध उत्खनन जारी है जिस पर कलेक्टर के आदेश के बाद खनिज विभाग ने कार्यवाही की और एक पोकलेन मशीन जप्त है। ये क्षेत्र वंशिका के लीज अंतर्गत आता है लेकिन उसे भी जप्त कर लाने का साधन प्रशासनिक अमला नहीं जुटा पाया। इससे एक बात यो स्पष्ट हो जाती है कि वंशिका कंस्ट्रक्शन द्वारा जिले में अवैध रेत उत्खनन जोरों से किया जा रहा है। लेकिन कार्यवाही न होने के कारण इनके हौसले बुलंद हैं।
अवैध खुदाई से शासन और नदियों को हो रहा नुकसान:
बिना रॉयल्टी के अवैध रेत खनन से प्रशासन को करोड़ों रूपये के राजस्व की हानि होती है साथ ही बरसात के समय नदियों का दोहन होने से नदियों का स्वरूप परिवर्तित होता जा रहा है। रेत खनन से नदियों का तंत्र प्रभावित होता है तथा इससे नदियों की खाद्य-श्रृंखला नष्ट होती है। रेत-खनन से नदियों का प्रवाह-पथ प्रभावित होता है। इससे भू-कटाव बढ़ने से भूस्खलन जैसी आपदाओं की आवृत्ति में वृद्धि हो सकती है। नदियों में रेत-खनन से निकटवर्ती क्षेत्रों का भू-जल स्तर बुरी तरह प्रभावित होता है। साथ ही भू-जल प्रदूषित होता है। प्राकृतिक रूप से पानी को शुद्ध करने में रेत की बड़ी भूमिका होती है। रेत खनन के कारण नदियों की स्वतः जल को साफ कर सकने की क्षमता पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसके बाद भी बरसात के मौसम में रेत का अवैध उत्खनन जारी है
ब्योहरी में भी जारी रेत का अवैध उत्खनन:
ब्यौहारी जनपद में बोडीहा रसपुर समाधिन नदी में भी रेत का अवैध उत्खनन जारी है। रेत निकालने के लिए ट्रैक्टर को नदी में घुसाया जा रहा है और नदी के धार के बीचों बीच रेत निकालने का काला धंधा जोरों पर चल रहा है। रात से लेकर सुबह तक रेत का ये अवैध उत्खनन जारी रहता है।
कार्यवाही के लिए जिमेदार:
अवैध रेत खनन के मामले में कार्रवाई का अधिकार खनिज अधिकारी के साथ-साथ एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस को भी होता है। बावजूद इसके अवैध खनन के काम में कोई कमी नहीं है। जब इनको अवैध रेत के उत्खनन की सूचना दी जाती है यो ये एक दूसरे के ऊपर पल्ला झाड़ते नजर आते हैं। रोजना रेत से भरी गाड़ी सोहागपुर थाने को पार करती हुई शहडोल नगर में प्रवेश करती हैं पर प्रशासन को नही दिखाई देती या कहे देख कर भी अनदेखी की जा रही।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण:
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने काफी पहले ही देश की किसी भी नदी से लाइसेंस या पर्यावरण मंज़ूरी के बिना एवम बरसात के समय रेत के खनन पर रोक लगा दी थी, परंतु नदियों में अब भी अवैध रेत-खनन जारी है।
इनका कहना है। फ़ोन लगाने पर फ़ोन नहीं उठा। जिला खनिज अधिकारी शहडोल