जिले में डायग्नोस्टिक टीम का सघन भ्रमण जारी। चौपाल आयोजित कर कृषकों को दी सलाह।
हरदा 21 अगस्त 2020/कृषि विभाग के अधिकारियो एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको की संयुक्त डायग्नोस्टिक टीम द्वारा जिले में सघन क्षेत्र भ्रमण किया जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में आज ग्राम सोमगांवकला, हरपालिया, दीपगांवकला, नांदरा, नयापुरा, सिगोन, चीराखान, साल्याखेड़ी आदि गांवो में भ्रमण कर कृषको के खेतो का निरीक्षण किया गया। टीम द्वारा कृषको के खेतों का निरीक्षण किया गया। कोविड 19 का पालन करते हुए ग्राम चौपाल कर कृषको को आंमत्रित कर कीट-व्याधि के रोकथाम के संबंध में कृषि वैज्ञानिको द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में सोयाबीन फसल पर तना मक्खी का प्रकोप देखने को मिल रहा है।
कहीं कहीं राजयोटोनिया ब्लाईट, एरियल ब्लाईट एवं उड़द की टी-9 प्रजाति में तना मक्खी एवं रायजोटोनिया ब्लाईट का प्रकोप देखने में आया है। तना मक्खी के नियंत्रण के लिए लेम्डासायहेलोथ्रिन + थायमेथोक्जाॅम के काॅम्बिनेशन का 125 एम.एल. प्रति हेक्टयर अथवा बीटासायफ्लूथ्रिन 8.49 + इमिडाक्लोरोप्रिड 19.81 प्रतिशत ओ.डी. 350 एम.एल. प्रति हेक्टयर तथा राजोटोनिया ब्लाईट एवं एरियल ब्लाईट के नियंत्रण के लिए टेबूकोकोनाझोल + सल्फर (1 कि.ग्रा./है.) अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 डब्ल्यू.जी. (500 ग्रा./है.) अथवा हेक्जाकोनाझोल 5 प्रतिशत ई.सी. (800 मि.ली./है.) हाथ वाले पम्प से छिड़काव के लिए 500 लीटर पानी तथा पाॅवर स्प्रेयर से छिड़काव के लिए 250 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति टंकी एक-दो चम्मच वाशिंग पाउडर जो कि, कीटनाशक को पत्ति पर चिपकाने का काम करेगा, को मिलाकर छिड़काव करें, साथ ही विगत दिनो से हो रही लगातार वर्षा से खेतो में जलभराव की स्थिति ना होने दे, तथा खेतो से जल निकास की उचित व्यवस्था करें।