भारतीय खदान मजदूर फेडरेशन (एटक) की दिनांक 12 सितंबर को तीन बजे वर्चुअल हुई मीटिंग।
मुलताई से अफ़सर खान की रिपोर्ट।
मीटिंग में 16 राष्ट्रीय पदाधिारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में केंद्रीय सरकार देश के सभी सार्वजनिक उद्योगों पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है जिसे लेकर निम्न विषय पर चर्चा हुई।
1): श्रम कानूनों में बदलाव-श्रम सुधार के नाम पर केंद्र की मोदी सरकार ने मजदूरों के हित मे बने श्रम कानूनों को पुरी तरह से बदलाव करने के लिए बीते मंगलवार को केबिनेट में तीन लेबर कोड (श्रम संहिताएं) को मंजूरी दे दी है। ये तीनों लेबर कोड क्रमशः ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन, सोशल सिक्योरिटी और इंडस्ट्रियल रिलेशन इन तीनों लेबर कोड 14 सितंबर को शुरू हो रहे मानसून सत्र में पेश करने की तैयारी की जा रही है जबकि लेबर कोड ऑन वेजेज (वेतन श्रम संहिता) को संसद पहले ही पास कर चुकी है साथ ही साथ सरकार ने 26 सार्वजनिक उपक्रम में पूरी तरह से विनिवेश के लिए बेच देने की घोषणा भी कर दी है।
2): प्रेमेच्योर रिटायरमेंट स्कीम-कार्मिक मंत्रालय ने सर्कुलर में सरकार के उस नियम का हवाला दिया गया है जिसमें लोकहित में सरकार किसी कर्मचारी को समय से पहले रिटायर कर सकती है। रिटायर करने का आधार अक्षमता और भ्रष्ट आचरण को बनाया गया है। सर्कुलर में ऐसे सभी कर्मचारियों के काम की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है जो सरकारी सेवा में अपने 30 साल पूरे कर चुके हैं। इसके अलावा उन सरकारी कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड की भी समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है जिनकी उम्र 55 वर्ष या उससे ज़्यादा हो चुकी है।
3): जमीन के बदले नौकरी नहीं किश्तों में मुआवजा – कोल इंडिया ने जमीन के बदले अब नियोजन की जगह किश्तों में राशि देने का नया विकल्प पेश किया है। इसे लेकर कंपनी ने नयी योजना का खाका जारी कर दिया है। योजना के अनुसार, जमीन के बदले नियोजन की बजाय अब मासिक किश्तों में मुआवजा भुगतान का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में कोयला कंपनियों में 2 एकड़ जमीन पर एक खातेदार को नौकरी और मुआवजा मिलता है। पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाती है। कट ऑफ प्वाइंट का भी नियम है। जमीन के सरकारी रेट का दो गुना मुआवजा दिया जाता है। CIL वार्षिकी योजना 2020 अनिवार्य रूप से यह स्पष्ट करती है कि कोई रोजगार नहीं दिया जाएगा। इन सभी सवालों के साथ साथ पहले की जो हमारी मांगे हैं उसे लेते हुए आंदोलन के लिए सभी यूनियन मैदान में उतरने जा रहे हैं। भारत सरकार की श्रम विरोधी नीति के खिलाफ राष्ट्र के सभी ट्रेड यूनियन एक साथ संघर्ष करने का निर्णय लेने जा रहे हैं। रक्षा श्रमिकों द्वारा 12 अक्टूबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल का निर्णय ले लिया है। एटक, BMS, इंटक, HMS, सीटू से सम्बन्ध कोल फेडरेशन भी 15 सितंबर को बैठक करने जा रहे हैं। जिसमें कोयला श्रमिक भी रक्षा क्षेत्र के श्रमिकों के साथ 12 अक्टूबर को एक दिवस हड़ताल करने जा रहा है।
डाॅ.कृष्णा मोदी राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
एटक कोल उद्योग।