हाईटेक अंदाज में चलता है सट्टा मोबाईल फोन पर लिखाया जाता है सट्टा।
उदयपुरा से मिथलेश मेहरा की रिपोर्ट।
उदयपुरा। रायसेन जिले की उदयपुरा नगरी में सट्टा का आतंक इस कदर छाया हुआ है कि सुबह से शाम तक सटोरिये और उनके गुर्गे का भय यहां के लोगों के जहन में समाया हुआ है। समूची नगरी यह जानती है कि यहां सट्टा खिलाने वाले लोग हैं। उसके बाद पुलिस को जाने क्यों कोई सबूत नहीं मिल पा रहा है। यह बात सहज ही गले नही उतर रही। प्रतिदिन लाखों के गेम का वारा न्यारा कर रहे नामी सटोरिया और इनके गुर्गे तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंचने से इनके हौसले बुलंद हैं।
कहने को तो पुलिस सट्टे के खिलाफ कार्यवाहियां कर रही है परंतु मुख्य सटोरियों तक हाथ नहीं पहुंचना कहीं न कहीं पुलिस और सटोरिये की मधुरता को प्रकट कर रहा है। समूचे जिले में सबसे तेज उदयपुरा नगर में सट्टा का व्यवसाय काफी हाईटेक अंदाज में चल रहा है।
आधिकारियों के निदेर्शों की धज्जियां उड़ाते:
पुलिस उच्चाधिकारियों के तमाम आदेश और निदेर्शों की धज्जियां उड़ाते उदयपुरा का दबंग सटोरिया का बेखौफ सट्टा जैसे खेल को जिंदा किये हुए है। इसे या तो स्थानीय पुलिस का संरक्षण प्राप्त है या फिर कोई और शक्ति इसके पीछे काम कर रही है। जो भी हो इन दिनों उदयपुरा सहित ग्रामीण इलाकों के लोग इस मायाजाल रूपी खेल में बुरी तरह से फंस रहे हैं। एक में अस्सी पाने के चक्कर में अपना सब कुछ दाव में लगा रहे लोगों को सड़कों पर आने से पूर्व बचाना होगा। इसीलिए बिना सबूत सटोरिये को पकडऩा होगा ताकि स्कूली बच्चे और गरीब वर्ग इस सट्टे जैसे कृत्य में न फसें।
जानकारी के मुताबिक नगर का सटोरिया का खेल जो रोजाना बस स्टैंड के पास चाय, कटिंग की दुकान, सेन्ट्रल बैंक पास पान की दुकान, टी टी नगर जैसे कई स्थानों पर सट्टा लिखा जाता है ।
हाईटेक अंदाज में चलता है स्त्तर:
सट्टे की पट्टी और मोबाईल फोन से गेम लिए जा रहे हैं। उदयपुरा नगर में सट्टे का आतंक बुरी तरह लोगों पर हावी है। स्थानीय पुलिस उच्चाधिकारियों के आदेश और निदेर्शों का पालन भलिभांति कर सट्टे के खिलाफ हल्की फुल्की कार्यवाहियां कर रही है परंतु मुख्य लोगों तक हाथ न पहुंचना कहीं न कहीं नगर की स्थानीय पुलिस व इन सटोरियों के आंतरिक संबंधों को बयां कर रहा है। उदयपुरा नगर में बेखौफ चल रहे सट्टे के खेल में बुरी तरह फंस चुके छात्र और बेरोजगार गरीब तबके के लोग अब सड़कों में आने की कगार पर हैं यदि समय रहते नगर से सट्टे के खेल को समाप्त नहीं कराया गया।