युवाओं में बढ़ता नशा का शौक खुलेआम बिकता है नाक के नीचे गांजा।
उदयपुरा पर्वत सिंह राजपूत की रिपोर्ट।
उदयपुरा। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार भले ही नशा मुक्ति को लेकर विज्ञापनों और NGO पर करोड़ों रुपए की योजना चलाकर जन जागृति चला रही हो लेकिन उदयपुरा नगर में खुलेआम अब युवाओं को गांजे की फुक्की लगाते हुए आसानी से देखा जा सकता है।
उदयपुरा पुलिस के द्वारा भले ही अपराध को लेकर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाता रहा हो लेकिन अभी तक नशा बेचने वाले माफियाओं के गिरहबान तक हाथ नहीं पहुंच पाये हैं। युवाओं को अच्छे संस्कार मिलना चाहिए ताकि वह समाज और देशहित के लिए कार्य करे लेकिन धीरे धीरे नशा का सेवन युवाओं को अंदर ही अंदर दीमक की तरह खोखला करता जा रहा है। वैसे तो नशे में सिगरेट, तंबाखू, शराब, अफीम, गांजा जैसे कई मादक पदार्थ नगर में बेचे जा रहे हैं। जहां एक ओर लेकिन शराब की अपेक्षा अब लोग ज्यादातर गाँजे का सेवन पसंद कर रहे हैं। सूत्रों की मानी जाए तो नगर में कई स्थानों पर गांजा खुलेआम पुलिस की नाक के नीचे से बेचा जा रहा है। इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि अभी तक बीते चार वर्ष पूर्व तत्कालीन थाना प्रभारी रहे प्रीतमसिंह ठाकुर ने ही कई किलो गांजा बरामद कर गांजा माफियाओं पर एक बड़ी कार्यवाही की थी। उसके बाद से गाँजे को लेकर छुट-पुट पुलिस केस दर्ज कर अपनी खानापूर्ति कर लेती है लेकिन जो वर्षो से खुलेआम गांजा बेच रहे हैं उन पर कोई बड़ी कार्यवाही करने में पुलिस असफल रही है।नगर में अब अभिभावकों को किशोरों को लेकर चिंता की लकीरें साफ़ नज़र आ रही हैं। वहीँ मंच पर राजनीती की बात करने वाले जनप्रतिनिधि अपने अपने पार्टी के मुखियाओं की तारीफ के पुल बांधते हैं लेकिन नगर में नशे की जो दीमक अपना पैर तेजी से पसार रही है उस पर अंकुश लगाने की बात कभी किसी राजनैतिक दल ने नहीं कही। वहीँ अत्यधिक गाँजे के सेवन से नगर के कई युवाओं को मानसिक बीमारी की चपेट में ले लिया है। अब देखना यह है कि इस गंभीर विषय पर नगर के समाज सेवी, राजनैतिक पार्टी के नेता और पुलिस प्रशासन किस तरह अंकुश लगाने का प्रयाश करता है।