बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ भगवान श्रीराम का किया राजतिलक।
रहटगांव से निलेश गौर की रिपोर्ट।
रहटगांव। रहटगांव तहसील क्षेत्र के ग्राम फुलझड़ी में रामलीला मंचन में बीती रात स्थानीय कलाकारों ने लक्ष्मण शक्ति, कुंभकरण वध की लीला का मंचन किया। फुलड़ी आदर्श रामलीला मंडल द्वारा भगवान की पावन लीलाओं का सजीव मंचन किया जा रहा है। श्रीराम और रावण की सेना के बीच संग्राम शुरू होता है। युद्ध में रावण के कई योद्धा मारे जाते हैं। रावण का पुत्र मेघनाद और लक्ष्मण के बीच घमासान युद्ध होता है। मेघनाद अपनी मायावी शक्ति का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है, जिससे समूचे रामा दल में सन्नाटा छा जाता है। लक्ष्मण के मूर्छित होने पर राम व्याकुल हो जाते हैं। शक्ति से बचाने विभीषण द्वारा बताए जाने पर हनुमान जी लंका से वैद्यराज सुखेन को लेकर आते हैं। वैद्य द्वारा इलाज किए जाने से मना करने पर भगवान उसे अपने धर्म पालन का उपदेश देते हैं और कहते हैं कि वैद्य का कोई शत्रु नहीं होता। वैद्य प्राणी मात्र के दु:ख-दर्द का निवारण करता है। अपने धर्मपालन का बोध कर सुखेन लक्ष्मण का इलाज करते हैं। हनुमान संजीवनी बूटी लेने के लिए जाते हैं। इस दौरान मार्ग में कई बाधाओं से मुकाबला करते हुए पर्वत पर पहुंचते हैं। संजीवनी बूटी का ज्ञान नहीं होने के कारण हनुमान पूरा पर्वत ही उठा ले आते हैं। हनुमान-भरत मिलन के मंचन के उपरांत लक्ष्मण की मूर्छा दूर होती है। यह खबर पाकर रावण अपने भाई कुंभकरण को गहरी नींद से जगाता है जिस के मारे जाने के पश्चात रावण स्वयं आता है और घमासान युद्ध के बाद बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ रावण का अंत हो जाता है। जिसके बाद भगवान श्रीराम अयोध्या आते हैं जहां पर उनका राजतिलक होता है। इस प्रसंग को कलाकारों ने बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। कलाकारों के हाव-भाव और संवाद को देख सुनकर दर्शक ठहाके लगाते रहे। अंत में श्रीराम और कुंभकरण के बीच युद्ध होता है, इसमें कुंभकरण मारा जाता है। रामलीला मंचन को देखने बड़ी संख्या में दर्शक पहुंच रहे हैं। इस अवसर पर टिमरनी विधानसभा विधायक शाह का आदर्श रामलीला मंडल फुलड़ी द्वारा पुष्पमाला एवं शाल श्रीफल से सम्मानित किया।
आदर्श रामलीला मंडल फुलड़ी द्वारा सात दिवसीय रामलीला महोत्सव का समापन बुधवार को रावण वध के साथ हुआ। फुलड़ी ग्राम के कलाकारों द्वारा जीवंत मंचन का ग्रामीण क्षेत्र के लोगों द्वारा सराहना की गई। लोगों ने कहा कि आज भी रामलीलाओं का मंचन हमारी संस्कृति से जोड़े हुए है। रामलीला मंडल के अध्यक्ष के निर्देशन में चल रही है। जिसमें पूरे गाँव का सहयोग रहा। इस सात दिवसीय रामलीला बड़े ही गौरव की बात है। इस कड़कड़ाती डंठ में भी लोग दूर दराज से मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की लीला देखने जन सैलाब उमड़ता रहा।
रहटगांव से निलेश गौर की रिपोर्ट।