बाल संरक्षण समितियों के गठन से कोरोना कर्फ्यू लाकडाउन में भी जिले में बाल संरक्षण सेवाओ में आये बेहतर परिणाम।
08 नाबालिग बालिकाओं के विवाह होने के पूर्व ही समझाईश देकर रोका गया।
10 बच्चों को स्पॉंसरशिप योजना तथा 06 को मिला बाल कल्याण योजना का लाभ।
हरदा से सैयद महमूद अली चिश्ती की रिपोर्ट।
हरदा। हरदा जिले में ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति और वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का सफलतापूर्वक बाल संरक्षण क्षेत्र में किये गये कार्य दिखाई भी देने लगे है। साथ ही बाल संरक्षण समितियों के सहयोग से शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन में मदद मिली है। जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग से श्री आशीष विश्वकर्मा तथा संबंधित परियोजना अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा बाल संरक्षण समितियो से दूरभाष व सोशल मीडिया के माध्यम से समन्वय किया जाता है।
हरदा जिले में गठित बाल संरक्षण समितियों के सहयोग से तीनों विकासखंड में 01 अप्रैल 2021 से अब तक वर्ष 2021-22 में विभाग के अधिकारियों द्वारा 08 नाबालिग बालिकाओं के विवाह होने के पूर्व ही समझाईश से रोक दिये गये हैं। वहीं कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान कोरोना कर्फ्यू में 10 जरूरतमंद बालक, बालिकाओं को समेकित बाल संरक्षण सेवाओ के अंतर्गत स्पॉंसरशिप योजना से जुड़वाया गया है। इन जरूरतमंद बालक, बालिकाओं को प्रतिमाह सीधे बैंक खाते में शिक्षा, स्वास्थ्य, भरण-पोषण हेतु जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा दो हजार रूपये दिये जाने लगे हैं और 5 बच्चों का चिन्हांकन कर लिया गया है, जिन्हें स्पॉंसरशिप योजना से जोड़ा जा सकता है। इस हेतु कार्यवाही जिला कार्यालय में चल रही है। इसी प्रकार कोविड-19 बाल कल्याण योजना में 06 पात्र बच्चों को जोड़ा गया है। तीन बच्चों का चिन्हांकन भी कर लिया गया है, जिन्हें मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का लाभ दिया जा सकता है। जिनकी कार्यवाही प्रक्रिया में है। लॉक डाउन में बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत बालकों को उनके घर पुनर्वास कराने में भी जिला बाल संरक्षण इकाई और चाइल्ड लाइन 1098 का सहयोग वार्ड स्तरीय व पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियो द्वारा किया गया है। बाल संरक्षण समिति द्वारा किये गये अच्छे कार्य से जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री संजय त्रिपाठी, सहायक संचालक आईसीपीएस महिला एवं बाल विकास डॉ.राहुल दुबे एवं सहायक संचालक सुश्री प्रीति साहू द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई है।
मध्यप्रदेश शासन महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के निर्देशानुसार बच्चों की देखभाल और संरक्षण करने के लिए किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 एवं नियम-2016 तथा समेकित बाल संरक्षण योजना आई.सी.पी.एस. के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन किया गया है। हरदा जिले में कुल 210 ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन किया गया है। ग्राम पंचायत स्तरीय समिति में संबंधित ग्राम पंचायत का सरपंच को अध्यक्ष एवं पंचायत सचिव को सचिव का पद दिया गया है। इसके अलावा समिति में ग्राम के समस्त वार्ड पंच, प्रधानाध्यापक स्थानीय शासकीय विद्यालय, संबंधित पुलिस थाना प्रभारी, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य महत्वपूर्ण लोगों को सम्मलित कर ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन किया गया है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र हेतु वार्ड स्तर पर कुल 65 वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन किया गया है। जिसमें हरदा शहर में 35, टिमरनी शहर में 15 एवं खिरकिया शहर में 15 वार्ड शामिल है। समिति में संबंधित वार्ड का पार्षद को अध्यक्ष, पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास को सचिव का पद दिया गया है। इसके अलावा प्रधानध्यापक स्थानीय शासकीय विद्यालय, संबंधित पुलिस थाना प्रभारी या नामित बाल कल्याण अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, श्रम निरीक्षण, चाइल्ड लाइन लाइन 1098 के सदस्य एवं अन्य मुख्य लोग को सम्मिलित कर वार्ड स्तरीय समितियों का गठन किया गया है।
शासन के निर्देशानुसार यह समितियां देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिये जोखिम संभावित परिवारों का चिन्हीकरण कर ऐसे परिवारो की विस्तृत जानकारी तैयार करना, जरूरतमंद बच्चों को बाल संरक्षण सेवाओ के तहत पालन पोषण देखरेख फॉस्टर केयर या स्पॉंसरशिप योजना से जोड़ना, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना से बच्चो को जोड़ना, बच्चों का जन्म पंजीकरण कराना, आधार पंजीकरण कराना, बच्चों का पूर्ण टीकाकरण करवाना, शाला पूर्व शिक्षा, 06 वर्ष से अधिक के बच्चो का स्कूल में में नामाकंन कराना, बाल मजदूरी रोकना, बाल विवाह रोकना, बच्चों का यौन शोषण रोकना व लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम-2012 (POCSO) की जानकारी का प्रचार-प्रसार करना, बाल तस्करी रोकना तथा जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे है उन्हें स्कूल जाने के लिये प्रोत्साहित करना जैसे कार्य कर रही है। ग्राम पंचायत स्तर सहित वार्ड स्तर पर गठित ये समितियॉं महत्वपूर्ण दिवस जैसे राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी, विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस 12 जून, शिक्षक दिवस 05 सितम्बर, बाल दिवस 14 नवम्बर, अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस 20 नवम्बर सहित अन्य महत्वपूर्ण दिवस पर विशेष बाल सभा का आयोजन करेगी। जिससे समुदाय को बच्चों के अधिकार एवं संरक्षण के मुद्दो के विषय पर जागरूक किया जा सकेगा।
हरदा से सैयद महमूद अली चिश्ती की रिपोर्ट।