कांग्रेस सरकार में नदियों का सीना चीरकर रेत की हो रही कालाबाजारी।
प्रतापपुर छग से अजीत कश्यप की ए।
प्रतापपुर। विकासखंड की ग्राम पंचायत सत्ती पारा और पम्पापुर प्रतापपुर के बाकी नदी भैसा मुंडा नदी में अवैध रेत उत्खनन का अड्डा बना हुआ है।
सूरजपुर जिले की दो प्रमुख नदियां महान नदी और रेड नदी जो जिले की जीवनदायिनी नदी का कहलाती हैं। इन दिनों प्रदेश के रेत माफियाओं के द्वारा संचालित रेत का अवैध उत्खनन कारोबार का अड्डा बना हुआ है। अवैध रेत उत्खनन का मामला रेत उत्खनन से लेकर जनप्रतिनिधि से लेकर नेता भी चुपचाप हैं। सत्ताधारी नेता और प्रशासन की मिलीभगत से रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। जिस पर संज्ञान लेते हुए जनपद अध्यक्ष श्री जगतलाल आयाम और जनपद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि श्री संजीव श्रीवास्तव ने अवैध रेत उत्खनन स्थल का दौरा किया। वस्तु स्थिति से अवगत होकर कलेक्टर सूरजपुर से मुलाकात कर अवैध रेत उत्खनन ओवरलोडिंग पर तत्काल रोक लगाने और ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की है।
लॉक डाउन के दिनों में प्रतापपुर क्षेत्र से रोजाना सैकड़ों ट्रक हाईवा में पोकलेन मशीन से रेत का अवैध कारोबार किया जा रहा है तथा राज्य से दूसरे राज्य में खनिज विभाग से मिलीभगत कर बालू की अवैध तस्करी हो रही है। इस विषय में जनप्रतिनिधियों ने कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है। मालूम हो कि प्रदेश में नई सरकार आने के बाद विभिन्न जिलों की प्रमुख नदियों से रेत उत्खनन और भंडारण बकायदा निविदा प्रकाशित कर जारी किए गए। जिससे स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दिया जाना था लेकिन रेत कारोबारियों के द्वारा रसूखदार और संगठित गिरोह बनाकर रेत उत्खनन कर रेत माफिया प्रदेश में सफल हो गए। गौरतलब है कि सती पारा 1 के नाम पर महान नदी के खसरा क्रमांक 422 के रकबा 4.22 पॉइंट को खदान आवंटित किया गया लेकिन उनका होकर शासन द्वारा उत्खनन के लिए ऊपर से रेत का अवैध खनन जोरों पर संचालित हो रहा है। इसके लिए ठेकेदार द्वारा बड़े पैमाने पर मशीनों के उपयोग का कार्य किया जा रहा है। बड़े-बड़े ट्रकों की बिक्री की जा रही है। उपयोग में लाए वाहनों को दस्तावेज की जांच की जा रही है। जिससे हर महीने शासन का करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। उसके सामने पूरी तरह आखिर किसके संरक्षण में धड़ल्ले से अवैध काम को अंजाम दिया जा रहा है। ठेकेदार का पूरे विभागीय अमले पर इस कदर नियंत्रण है कि कोई अधिकारी उसके अवैध कारोबार पर हाथ डालने से घबरा रहा है। पिछले दिनों परिवहन और यातायात विभाग बड़े सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने की खानापूर्ति की गई लेकिन अवैध कारोबार में लगी किसी गाड़ी को रोकने की किसी ने कोई कार्यवाही नही की। कई स्थानीय रसूखदार नेताओं का संरक्षण प्राप्त था। सभी अवैध कारोबार में बराबरी भागीदारी बनी है। जनपद अध्यक्ष ने कलेक्टर से कार्रवाई की मांग करेंगे आंदोलन, अवैध रेत उत्खनन स्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया उसके बाद कलेक्टर सूरजपुर से मुलाकात कर अवैध रेत उत्खनन पर तत्काल रोक लगाने और ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की गई। जनपद अध्यक्ष द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि ठेकेदार द्वारा पूरी तरह से मनमानी पूर्वक निर्धारित स्थल से अन्ययत्र रेत का उत्खनन किया जा रहा है। दूसरे प्रांत में अवैध तरीके से रेत सप्लाई कर शासन को हर माह लाखों का चूना लगाया जा रहा है। खदान में नियम विरुद्ध तरीके से पूरी रात रेत का उत्खनन किया जाता है जबकि नियम के मुताबिक शाम 5:00 बजे के बाद पर्ची जारी नहीं किया जा सकता। ठेकेदार को परिवहन में गाड़ियों के नंबर ऑनलाइन करना नियम कानून को ताक पर किया जा रहा है। कलेक्टर सूरजपुर के द्वारा नियमानुसार रेत उत्खनन का गाइड लाइन के अनुसार किसी भी बिंदु पर पालन नहीं किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के दौरान पूर्ण लॉक डाउन पर रेत का अवेध खनन धड़ल्ले से किया गया। स्थानीय लोगों में और जन प्रतिनिधियों में आक्रोश का माहौल है। जिससे छत्तीसगढ़ सरकार में कांग्रेस की छवि धूमिल हो रही है बड़े-बड़े नेता इस अवेध कारोबार में संलिप्त है।
प्रतापपुर छग से अजीत कश्यप की रिपोर्ट।