संत निरंकारी मिशन द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में 61 सेवादारों ने रक्तदान किया
नई दिल्ली से रीना सिंह की रिपोर्ट।
दिल्ली। सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन आशीर्वाद से 20 जून 2021 को नई दिल्ली के संत निरंकारी संत्संग भवन मटियाला में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जहाँ संत निरंकारी मिशन के 61 सेवादारों ने रक्तदान किया। इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, दिल्ली से विशेष 9 सदस्यीय रक्त एकत्र करने वाली टीमें आईं। हालांकि अनेकों भक्तों ने रक्तदान करने के लिए खुद को पंजीकृत किया, लेकिन टीमें उन सभी को उपकृत नहीं कर सकीं। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित इस रक्तदान शिविर का उद्धघाटन निरंकारी मिशन के केंद्रीय योजना एवम सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री सी एल गुलाटी ने किया। इस अवसर पर श्री एस एल गर्ग सदस्य केंद्रीय योजना एवम सलाहकार बोर्ड और डॉ नरेश अरोरा भी उपस्थित थेे। स्थानीय सभासद श्री रमेश मटियाला और श्री शैलेंद्र जैन, शल्य चिकित्सक, आयुष्मान हॉस्पिटल ने भी हाजरी लगाकर रक्तदाताओं का उत्साह बढ़ाया।
आभार व्यक्त करते हुए संयोजक श्री राम शरण ने कहा कि मिशन के भक्तों के लिए रक्त का दान पहले से ही भक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। वे बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के शब्दों से निर्देशित करते हैं कि रक्त नाड़ियों में बहना चाहिए न कि नालियों में और इस सन्देश को सतगुरु माता सुदीक्षा जी आगे आगे लेके जा रहे हैं। उन्होंने मिशन द्वारा समुदाय की सेवा के लिए की गई अन्य गतिविधियों के बारे में भी बताया। डॉक्टरों की टीम ने ऐसे रक्तदान शिविर आयोजन के लिए निरंकारी मिशन एवं संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन का आभार व्यक्त किआ तथा ऐसे प्रेरणादायी रक्तदान की बधाई दी। रक्तदाताओं के लिए जलपान आदि की भरपूर व्यवस्था की गयी थी।
मिशन के द्वारा प्रथम रक्तदान शिविर का आयोजन दिल्ली में वर्ष 1986 के नवम्बर माह में वार्षिक निरंकारी संत समागम के अवसर पर किया गया। सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने स्वयं रक्तदान करके इस शिविर का उद्घाटन किया और कहा कि ‘रक्त नालियों में नहीं नाड़ियों में बहना चाहिए।’ वर्ष 1986 से लेकर अब तक मिशन के द्वारा 6,700 रक्तदान शिविर आयोजित किये जा चुके हैं जिनमें 12 लाख से अधिक यूनिट रक्तदान किया गया। मिशन का अपना एक ब्लड बैंक है जिसका उद्घाटन गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2016 को विले पार्ले मुम्बई में किया था।
आज मिशन दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई तथा आगरा में 4 अस्पताल तथा देशभर में 131 डिस्पैंसरियां धर्मार्थ रूप में चला रहा है, जहां प्रतिवर्ष 20 लाख से भी अधिक मरीजों का इलाज किया जाता है। मिशन की ओर से 9 पेथालोजी लेबोरेट्री, 6 दाँतों के लिए तथा 5 आंखों के इलाज के लिए केन्द्र भी धर्मार्थ चलाये जा रहे हैं। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से संत निरंकारी मिशन की ओर से बुराड़ी रोड, दिल्ली में स्थित ग्राउंड नं. 8 के विशाल सत्संग भवन में कोविड-19 महामारी से ग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए 1000 से भी अधिक बैड का ‘कोविड-19 ट्रीटमेंट सेंटर’ पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ दिल्ली सरकार को उपलब्ध कराया गया।इसके अलावा भारत के सभी सत्संग भवनों को कोविड वैक्सिनेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को दिया गया था। जिसकी मंजूरी के उपरांत भारत के सैंकड़ों निरंकारी सत्संग भवन कोविड-19 के टीकाकरण सैंटर में परिवर्तित हो चुके हैं। कई निरंकारी भवनों को ‘कोविड-19 ट्रीटमेंट सेंटर’ में परिवर्तित किया जा रहा है, जैसे- उधमपुर, मुंबई इत्यादि। साथ ही साथ संत निरंकारी मिशन के कई सत्संग भवन काफ़ी समय से क्वारंटाईन सेंटर के रुप में, सम्बन्धित प्रशासनों को उपलब्ध कराये गए हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत में कोविड-19 के आरंभ से ही संत निरंकारी मिशन की ओर से राशन-लंगर बाँटने से लेकर आर्थिक रूप में केन्द्र तथा कई राज्य सरकारों के आपातकालीन निधी कोषों में धनराशि जमा की गई तथा पीपीई किट्स, मास्क इत्यादि साधन उपलब्ध कराये गए और देशभर में लगातार रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। मिशन की इन सभी गतिविधियों में संत निरंकारी मिशन की मानवता को समर्पित विचारधारा की झलक प्रतिबिंबित होती है और इस कार्य की हर स्तर पर सराहना भी हो रही है।
नई दिल्ली से रीना सिंह की रिपोर्ट।