पिता बेटी की शादी में विवाह सहायता राशी लेने से अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुआ वंचित।
दस्तावेज गायब करने, कराने वालों पर कार्यवाही क्यों नहीं ?
हरदा से वसीम खान की रिपोर्ट।
हरदा। खिरकिया जनपद पंचायत के दीपगांव कला में शेख वहीद नाम के श्रम विभाग के अंतर्गत बनने वाले श्रमिक कार्डधारी ने समय से अपना श्रमिक कार्ड रिन्यू होने के लिए जनपद पंचायत खिरकिया में जमा कर दिया था। जनपद के बाबू ऑपरेटर मुकेश गौर ने समय सीमा निकल जाने तक कार्ड अपने पास रखा। रिन्यू की तारीख समाप्त हो जाने के बाद कार्ड वापस कार्डधारी को दे दिया। इनकी लापरवाही के कारण कार्ड समय से रिन्यू नहीं हो पाया। कार्ड रिन्यू नहीं करने के कारण कार्डधारी ने श्रम शाखा में संपर्क किया लेकिन यहां से भी मामले का हल नहीं निकल पाया और यहां से भी चलता कर दिया गया। जिसकी शिकायत कार्डधारी शेख वहीद ने प्रभारी मंत्री सहित कलेक्टर हरदा को भी की लेकिन यहां से मामला एक कदम आगे ही रहा। शिकायत पर कोई कार्यवाही भी देखने को नहीं मिली।
जिसके कारण कलेक्टर कार्यालय हरदा में सूचना का अधिकार से की गई शिकायत के विषय में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से सम्बन्धी जानकारी चाही तो कलेक्टर कार्यालय से पहले तो समय सीमा में जानकारी नहीं दी गई। जिसके बाद आवेदक अपील में गया यहां पर अपील अधिकारी ने जो जानकारी दी। उसमें स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि शिकायती पत्र कहीं खो गया है। इसलिए शिकायत पत्र पर की जाने वाली कार्यवाही से अवगत नहीं कराया जा सकता। अब ऐसे में शासन जो गरीबो को उनकी बेटियों के विवाह में सहायता राशी देती है। उस राशि को लेने से यह कार्डधारी वंचित हो रहा है। इसके लिए जिम्मेदार कौन है। सवाल यह भी उठता है कि जिस व्यक्ति ने आवक में शिकायत पत्र लिया था। उसने कैसे पत्र कहीं गायब कर दिया या गुमा दिया। कहीं और अगर गुमा दिया है तो उसके खिलाफ नियम अनुसार विभाग कार्यवाही करता। एफआईआर क्यों नहीं कर रहा है। जबकि कलेक्टर कार्यालय जैसे महत्तपूर्ण कार्यालय का यह आलम होगा तो गरीब जनता आखिर कहां जाएगी। जिस पिता ने बेटी की शादी में लिया कर्ज अब तक नहीं दे पाया है।
हरदा से वसीम खान की रिपोर्ट।