मूत्रालय के आसपास बदबू का अंबार दुकानदारों का सांस लेना हुआ दुश्वार।

मूत्रालय के आसपास बदबू का अंबार दुकानदारों का सांस लेना हुआ दुश्वार।

सिराली से सद्दाम खान की रिपोर्ट।

सिराली। केंद्र और राज्य सरकार तो ईमानदारी के साथ जनता को स्वच्छता उपलब्ध कराने के लिए अरबों खरबों रुपया पानी की तरह बहा रही हैं लेकिन इनके नीचे बैठने वाले जिम्मेदार उनके सपनों को साकार नहीं होने दे रहे हैं।

The stench around the urinal made it difficult for the shopkeepers to breathe.

इसका जीता जागता उदाहरण सिराली पुराना बस स्टैंड पर बने मूत्रालय के पास चंद पल खड़े रहने पर लग जायेगा। इस मूत्रालय के आसपास के दुकानदारों का कहना है कि उन्हें अपना पेट पालने के लिए इस बदबू में बैठे रहना पड़ता है। वे जानते हैं कि जब वे सुबह अपनी दुकानों पर आते हैं और जब शाम को रिटर्न होते हैं। तब तक इनके लिए सांस लेना दुश्वार होता है। इस पेशाबघर की बदबू निरंतर तेजी के साथ आती रहती है। अपने और अपने गरीब परिवार का लालन पालन करने के लिए मजबूरी में दुकानदारों को यहां बैठकर अपना व्यापार धंधा करना पड़ता है। अब सवाल ये उठता है कि इधर सरकार जनता के हित के लिए और उसे स्वच्छता मुहैया कराने के लिए ग्राम पंचायतों को लाखों रुपया दिया जाता है फिर भी जनता इस प्रकार जीवन जीने के लिए क्यों मजबूर है इसका जवाब शायद ग्राम पंचायत के लोगों के पास ही होगा।

The stench around the urinal made it difficult for the shopkeepers to breathe.

सिराली से सद्दाम खान की रिपोर्ट l

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