असहयोग आंदोलन की 101 वर्षगांठ पर 1अगस्त को वाराणसी में ” प्रतिरोध धरना।

असहयोग आंदोलन की 101 वर्षगांठ पर
1अगस्त को वाराणसी में ” प्रतिरोध धरना।

राजनीतिक, सामाजिक संगठनों के साथ ही मजदूर,किसान, छात्र युवा आंदोलनों के नेता हुए एकजुट।

भ्रष्टाचार, मंहगाई और लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ व्यापक आंदोलन का किया ऐलान।

वाराणसी से रोहित सेठ की रिपोर्ट।

वाराणसी। देश में महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हुए असहयोग आंदोलन की 101 वीं वर्षगांठ पर वाराणसी में ” प्रतिरोध धरना ” का आयोजन किया गया है जिसमें राजनीतिक, सामाजिक संगठनों के साथ ही मजदूर, किसान और छात्र युवा आंदोलनों से जुड़े लोग शामिल होंगे। धरना पूर्वान्ह 11 बजे टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा पर शुरू होगा।

On the 101st anniversary of the non-cooperation movement
On 1 August in Varanasi “Resistance Strike”.

यह निर्णय गैर भाजपा राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों तथा मजदूर, किसान और छात्र युवा आंदोलनों से जुड़े नेताओं की बैठक में लिया गया। गौर तलब है कि 1अगस्त 1920 को गांधी जी ने विदेशी सत्ता के खिलाफ असहयोग आंदोलन का शंखनाद किया था जिससे ब्रिटिश सरकार की नींव हिल गई थी। उस ऐतिहासिक आंदोलन को हुए आज 101 वर्ष पूर्ण हो गये। देश में आज फिर वैसे ही हालात बन गए हैं। लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी खत्म की जा रही है। असहमति को कुचला जा रहा है, जिससे चौतरफा भय और आतंक का माहौल है। अर्थव्यवस्था तबाह और बर्बाद हो रही है। बेतहाशा महँगाई से आम आदमी की कमर टूट गई है। व्यक्ति से न सिर्फ सम्मान पूर्वक जीने का अवसर छीन लिया गया है बल्कि उसकी मृत्यु को भी सम्मान नहीं मिल पा रहा। कोरोना महामारी से देश में लाखों लोग समुचित दवा और इलाज के आभाव में दमतोड़ चुके हैं लेकिन मृतकों के आंकड़ों को छुपाया जा रहा है। अंधाधुंध निजीकरण ने देश को गुलामी के रास्ते पर धकेल दिया है। ऐसे में जरूरत है एक सशक्त और अहिंसक जन प्रतिरोध की। जिसकी शुरुआत 1 अगस्त को प्रतिरोध धरना से होगी। धरने के दौरान आंदोलन के आगामी कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। आंदोलन के नीति वक्तव्य, मांग पत्र एवं विस्तृति कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के लिए समिति का गठन किया गया है जिसमें राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, किसान, मजदूर और छात्र युवा आंदोलनों से जुड़े प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। धरने में उपस्थित लोगों की सहमति और उनके विचार और सुझावों को समेटते हुए तैयार प्रारूप को आगामी 9 अगस्त क्रांति दिवस पर आयोजित संघर्ष प्रतिनिधि संसद में प्रस्तुत कर जनअभियान को और सघन बनाने के लिए जिले में जगह जगह जन संघर्ष संसद आयोजित की जाएगी।

On the 101st anniversary of the non-cooperation movement
On 1 August in Varanasi “Resistance Strike”.

वाराणसी से रोहित सेठ की रिपोर्ट।

पसंद आई खबर, तो करें शेयर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *