पीएम मोदी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर काशी संकल्प पुस्तक का हुआ भव्य विमोचन।
संकट मोचन में संकल्पित स्वर्ण मुकुट के दर्शन संग हुए विविध अनुष्ठान।
वाराणसी से रोहित सेठ की रिपोर्ट।
वाराणसी। मयार्दा पुरुषोत्तम श्रीराम के सिंहासन पर आसीन होते ही सर्वत्र हर्ष व्याप्त हुआ तो सारे भयझ्रसंताप भी स्वतः दूर हो गए। कुछ ऐसा ही माहौल आज भारत के साथ उत्तरप्रदेश में दिख रहा है। केंटोनमेंट स्थित एक होटल में गुरुवार शाम काशी संकल्पित स्वर्ण मुकुट अर्पण तिथि के तीसरे वर्षगांठ पर आयोजित काशी संकल्प पुस्तक के विमोचन, वर्तमान शासन और रामराज्य विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विद्वानों ने उक्त विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान शासन व्यवस्था आजादी के बाद सबसे बेहतर कही जा सकती है जिस तरह काशी का कायाकल्प हुआ उसी तरह पूरे देश में चौड़ी सड़के, फ्लाईओवर, रोजगार के साधन निरंतर उपलब्ध हो रहे हैं।
कोरोना काल में सरकार ने जिस तरह लोगों की मदद की वह आजाद भारत में अकल्पनीय था। लंबे समय से आतंकवाद से जूझ रहे भारत में अब सर्वत्र शांति दिख रही है जो विकास का द्योतक है। याद रखिये जहां शांति होती है वहीं तीव्र विकास भी निरंतर होता जाता है। रामायण काल में चलें तो पाएंगे कि धर्म कार्य में ऋषि मुनियों को प्रताड़ित करने वाले आतंकी दुष्ट राक्षसों के विनाश के लिए ही प्रभु श्रीराम को वन में भी जाना पड़ा था। पाक के खिलाफ दो बार सीमापार कर भारत ने दुष्ट आतंकियों को नेस्तनाबूद किया। यह उसी ओर इशारा भी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते ही लम्बे समय बाद भारत और यूपी से आतंकवाद लगभग गायब है।
मोदी को विदेश नीति के कारण अक्सर कुटिल चाल चलने वाले चीन, पाक की बोलती भी आज बन्द है। आखिर दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति का नाम ही तो रामराज्य है। भारत लम्बे समय बाद रामराज्य की ओर रुख कर चुका है। बस राष्ट्र भक्तों को इसमें अपनी कड़ी को जोड़ते जाना होगा। आतंकवाद उग्रवाद का सामना कर हर प्राणी में प्रेम के भाव को जगाकर रामराज्य की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। स्वागत भाषण करते हुए आयोजक और पुस्तक के लेखक वरिष्ठ पत्रकार डाक्टर अरविंद सिंह ने कहा कि मर्यादा पुरुषोम प्रभु श्रीराम का रामराज्य आज भी दुनिया का आदर्श राज्य माना जाता है। प्रभु श्रीराम ने धर्म के विपरीत जाने वालों में न कोई वार्ता की ना उन्हें बख्शा। अपने पिता के अंतिम संस्कार में वे भले मौजूद नहीं रहे लेकिन जटायु का अंतिम संस्कार किया। यह मानव संग उनके पशु पक्षियों से प्रेम का भी बड़ा उदाहरण है। अयोद्धया के राजपाट का मोह त्याग प्रभु श्रीराम ने वन को प्रस्थान किया तो ऋषि-मुनियों को सताने वाले दुष्ट राक्षसों का दमन कर धर्म की रक्षा भी की वर्तमान शासन भी उसी रामराज्य की ओर अग्रसर है।
इस मौके पर काशी विद्वत परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रोफेसर राम चंद्र पांडेय एवं प्रख्यात पत्रकार रासबिहारी ने भी सभा को संबोधित किया। संचालन डॉ.राम सुधार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन पंडित राम नारायण द्विवेदी ने किया। विषय प्रवर्तन वरिष्ठ पत्रकार स्नेह रंजन ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण में हुआ। दीप प्रज्वलन के बाद प्रभु श्रीराम के भव्य दरबार का पूजन किया गया। पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर तीन वर्ष पूर्व डॉक्टर अरविंद सिंह की ओर से संकटमोचन भगवान को स्वर्ण मुकुट अर्पित करने की शोभायात्रा की विहंगम झांकी का दृश्य एलईडी पर प्रस्तुत हुआ। इस अवसर पर संकट मोचन मंदिर में भव्य श्रृंगार और स्वर्ण मुकुट का दर्शन पूजन भी चला पत्रकारपुरम कॉलोनी स्थित संकल्प सिद्धि हनुमान मंदिर पर अखंड रामायण पाठ भी चलता रहा। जिसका समापन कल होगा इस दौरान प्रसाद वितरण वितरण और अन्य कार्यक्रम भी संपन्न होगें समारोह में काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
वाराणसी से रोहित सेठ की रिपोर्ट।