विमुक्त श्रमिकों के पुनर्वास हेतु उन्हें स्वरोजगार योजना के तहत ऋण दिलाएं।
कलेक्टर ऋषि गर्ग ने बैठक में अधिकारियों को दिये निर्देश।
हरदा से सैयद महमूद अली चिश्ती की रिपोर्ट।
हरदा। प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत श्रमिकों को वृद्धावस्था में पेंशन की सुविधा दी जाती है। जिले के श्रमिकों का इस योजना में अधिकाधिक संख्या में पंजीयन कराएं। पंजीयन के लिये ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में शिविरों का आयोजन किया जाए। यह निर्देश कलेक्टर ऋषि गर्ग ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक में प्रभारी श्रम अधिकारी आलोक वर्मा को दिये। बंधक श्रमिकों की पहचान, विमुक्ति और पुनर्वास के लिये बंधक श्रमिक अधिनियम 1976 के तहत यह जिला स्तरीय समिति गठित की गई है। बैठक में पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल सहित सबंधित अधिकारी एवं समिति सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ऋषि गर्ग ने निर्देशित किया कि विशेष कैम्प लगाकर क्षेत्र से बाहर जाने वाले श्रमिकों की जानकारी लें। कलेक्टर ऋषि गर्ग ने निर्देशित किया कि कृषि उपज मण्डी में अवकाश के दिन कैम्प लगाकर प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में हम्माल एवं तुलावटियों का पंजीयन कराएं। कलेक्टर ऋषि गर्ग ने ग्रामीण बैंक के अधिकारियों को निर्देशित किया कि विमुक्त किये गये बंधक मजदूरों को स्वरोजगार योजना अंतर्गत ऋण उपलब्ध कराएं ताकि वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर हो सकें।
बैठक में प्रभारी श्रम अधिकारी वर्मा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा बंधक श्रमिक के पुनर्वास के लिये केन्द्र परिवर्तित योजना 2021 लागू की गई है। यह योजना 27 जनवरी 2022 से प्रभावशील है। कलेक्टर ऋषि गर्ग ने बताया कि पुनर्वास के लिये जारी विमुक्ति प्रमाण-पत्र के आधार पर वयस्क बंधक पुरूष हितग्राहियों के लिये एक लाख रूपये होगी। हितग्राही के पास यह विकल्प होगा कि वह पुनर्वास हेतु सहायता नगदी प्राप्त करता है अथवा किसी वार्षिक स्कीम में जमा करता है। स्पेशल केटेगरी के हितग्राहियों जैसे अनाथ बच्चे जिन्हें असंगठित क्षेत्र अथवा बलपूर्वक काम कराया जाता है एवं महिलाओं के लिये पुनर्वास सहायता राशि रूपये दो लाख होगी, जिसमें से कम से कम 1 लाख 25 हजार हितग्राही को वार्षिक स्कीम में जमा करना होगा तथा शेष राशि हितग्राही के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से अंतरित होगी। कलेक्टर ऋषि गर्ग ने बताया कि ऐसे बंधक श्रमिक जिनके साथ शारीरिक शोषण अथवा मानव तस्करी जैसी घटना होती हैं, उनके लिये पुनर्वास सहायता राशि 3 लाख रूपये निर्धारित हैं, जिसमें से 2 लाख की राशि हितग्राही को किसी वार्षिक स्कीम में जमा करना होगा, शेष एक लाख रूपये की राशि की सहायता हितग्राही के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से भुगतान किया जावेगा।
हरदा से सैयद महमूद अली चिश्ती की रिपोर्ट।