कोरोना वायरस के चलते सब्जी बाजार में मारा उछाल।

सूरजपुर।

कोरोना वायरस के चलते सब्जी बाजार में मारा उछाल।

सूरजपुर जिले के दूर अंचल क्षेत्र चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में सब्जी बाजार में भारी महंगाई में बढ़ोतरी हुई है।

टमाटर 30 से ₹35 प्रति किलो बिकने लगा है। अन्य सब्जियों के भी रेट भारी भरकम बढ़े हुए हैं। जिसकी वजह से ग्रामीणजनों को काफी महंगी सब्जियां खरीदनी पड़ रही हैं।

ज्ञातव्य हो कि इस वर्ष ओलावृष्टि से किसानों की सब्जी फसल एक महीने पहले ही पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी थी।

लोकल किसानों के पास पर्याप्त सब्जियां उपलब्ध नहीं है तथा लॉकडाउन की स्थिति में सीमा पार से सब्जियां आ नहीं पा रही हैं। जिसकी वजह से सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

सप्ताहिक बाजारों में ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले महीने बिहारपुर क्षेत्र में लगातार पांच बार ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई थी। इससे किसानों द्वारा लगाई गई सब्जी की फसल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।

चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में मुख्यतः सब्जियों की सप्लाई सीमापर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश से होती है।

सिंगरौली मध्यप्रदेश से चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के बाजारों में सब्जी भारी मात्रा में आती थी।

सब्जी का भाव कम रेट में मिलता था जो कि लाकडाउन होने के कारण पूरी तरह से बंद हो चुका है। और बिहारपुर क्षेत्र में पिछले माह ओलावृष्टि से लगभग 80 परसेंट सब्जी फसल खराब हो गई हैं। इसी कारण से गरीब किसानों को सब्जी नहीं मिल पा रही है और सब्जी मनमानी रेट पर बाजारों में बिकने लगी है।

गरीब किसान एवं मजदूरों को दोहरी मुसीबत करना पड़ रही है। बाजारों में कम सब्जियों का आना एवं उनकी मनपसंद सब्जी भी नहीं मिल रही है।
फुल गोभी पात गोभी लौकी बरबटी भिड़ी करैला परवल इत्यादि सब्जियों के नाम जो सीधे आसमान छू रहे हैं।

बाजारों में सब्जियां काफी ऊंची मूल्यों में बेची जा रही हैं। इसके बावजूद भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है सब्जी।

टमाटर आलू प्याज के अलावा अन्य सब्जी बाजार में नहीं आ रहा है नजर।

कोरोना का कहर सब्जियों में देखा गया नमक और भात खाने को हैं लोग मजबूर।

सूरजपुर जिले के चांदनी क्षेत्र बिहारपुर में चार बार से अधिक ओलावृष्टि होने के कारण सब्जियों के मूल्यों में काफी इजाफा हुआ है। हर साल की भाँति देखा जाए तो मूल्यों में चार से पांच गुना भाव में सब्जी व्यापारी बेच रहे हैं। पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। लोगों को घर में रहने को बोला जा रहा है और लोग घर में हैं लेकिन खाना तो चाहिए।

सब्जी के भाव में अधिक होने का वजह सब्जी व्यापारी ओलावृष्टि बताते हैं कहते हैं सब्जी पुरा ओलावृष्टि में मर चुकी है। एक नहीं दो दो बार हम लोग सब्जी को उगाएं हैं।

किसी तरिके से बचाकर उस में कीटनाशक दवा का छिड़काव कर किसी तरिके से बचा पाए हैं। तब बाजार में यह नजर आ रही है। जब छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से सब्जी के व्यापारी खरीद कर बाजार में फुटकर के रूप में बेचा करते थे तो उस समय का मूल्य कुछ हद तक ठीक ठाक स्थिति में था। पिछले साल की अपेक्षा इस साल सब्जी के मूल्यों में आसमान छू रहा है। पिछले साल टमाटर का मूल्य 5 रुपये प्रति किलो से भी कम रेट में टमाटर मिल जाता था। इस वर्ष टमाटर का मूल्य बाजार में 30 रूपया हो गया है। अधिक मूल्य होने के बावजूद भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

बाजार में मटर फूलगोभी परवर सेम एवं अन्य कई ऐसे सब्जी हैं जो बाजार में नहीं आ रहा है। लाकडाउन में फंसे लोग घर में आलू के अलावा कोई अन्य सब्जी के न मिलने से आलू की सब्जी को खाकर उब गए हैं। चाँदनी क्षेत्र बिहारपुर में सब्जी की मांग जो इस क्षेत्र में सब्जी नहीं मिल रहा है उस सब्जी को छ. ग. की सरकार एवं जिला प्रशासन की गठित टीम के द्वारा डिलीवरी के माध्यम से पहुंचाएं ऐसा ग्रामीण मांग कर रहे हैं।

ग्रामीणों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन चांदनी बिहारपुर क्षेत्र तक सस्ते दामों में सब्जियां मुहैया कराएगी।

ब्यूरो रिपोर्ट पप्पू जायसवाल।

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