सुविधाओं से वंचित होकर पिछले चौबीस घंटे से भूखे रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किया विरोध।

सुविधाओं से वंचित होकर पिछले चौबीस घंटे से भूखे रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किया विरोध।

वाराणसी से सन्तोष कुमार सिंह की रिपोर्ट।

दो दिन से बीमार पड़े परिचालक का कोई नहीं ले रहा सुध।

वाराणसी। प्रदेश सरकार के द्वारा किए गए तमाम वादे उस वक्त खोखले नजर आए जब रोडवेज परिचालक भूख और प्यास से तड़पते नजर आए और अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठने पर मजबूर हुए।

आपको बता दें कि कोरोना जैसी महामारी से जहां एक ओर पूरा विश्व परेशान है अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। वहीं दूसरी तरफ अपनी जान को जोखिम में डालकर गाड़ियों का परिचालन कर रहे रोडवेज के कर्मचारियों का शोषण उनके ही उच्च अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। दो दिन पूर्व ही कोरोना से संक्रमित होकर रोडवेज का एक परिचालक अपनी जान गवां चुका उसके बाद भी अभी उनके उच्च अधिकारी गहरी नींद में सो रहे हैं। बताया जा रहा है की यूपी रोडवेज बस परिचालक पिछले 24 घंटे से बिना खाए पिये हुए हैं। जिनकी सुध लेने के लिए कोई भी उच्चाधिकारी उनसे मिलने के लिए अभी तक नहीं गये।

आपको बता दें कि इन परिचालकों में तमाम ऐसे परिचालक भी हैं जो पिछले पिछले काफी दिन से बीमार पड़े हुए हैं और लगभग 48 घंटे से बिना खाए पिए हैं।

एक बात और इनको पिछले 2 महीने से वेतन तक नहीं मिला है। रास्ते में आने जाने वाले खर्च के रूप में सरकार के द्वारा जो ₹300 मुहैया कराया जा रहा है। वह भी उनके अधिकारियों के द्वारा नहीं दिया गया। पिछले 10 दिनों में यह दूसरा मौका है जब रोडवेज के परिचालक धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर हुये।

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