मरीजों का इलाज न करने वाले निजी अस्पतालों के डॉक्टरों और मालिकों पर दर्ज हो अपराधिक मामला :खालिद गुड्डू

मरीजों का इलाज न करने वाले निजी अस्पतालों के डॉक्टरों और मालिकों पर दर्ज हो अपराधिक मामला
:खालिद गुड्डू

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भिवंडी से मुस्तक़ीम खान की रिपोर्ट।

भिवंडी। भिवंडी शहर एमआईएम अध्यक्ष शेख खालिद गुड्ड ने मनपा आयुक्त और  भिवंडी पुलिस उपायुक्त को भेजे लिखित पत्र में आरोप लगाया है कि भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत निजी अस्पतालों में संबंधित डाक्टर जानबूझकर पैसा कमाने की खातिर कोरोना बीमारी के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों वाले रोगियों का इलाज नहीं करते हैं और उन्हें सरकारी अस्पतालों में ट्रांसफर करते हैं।

जिसकी वजह से पीड़ित मरीजों को निजी वाहनों, रिक्शा, एम्बुलेंस की मदद लेनी पड़ती है जिसमें मरीजों और उनके संबंधियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कोरोना के अलावा अन्य गंभीर रोगों के मरीजों का इलाज न करने वाले निजी अस्पतालों  को इलाज करने का सख्त निर्देश देने तथा इलाज न करने वाले डॉक्टरों, अस्पताल मालिकों के विरुद्ध संवैधानिक कानूनी कार्रवाई की जाए।

एमआईएम भिवंडी शहर जिलाध्यक्ष शेख खालिद गुड्डू ने मनपा आयुक्त डाक्टर प्रवीण आष्टीकर, पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे को लिखे शिकायत पत्र में बताया है कि निजी अस्पतालों में सही समय पर उपचार न मिलने के कारण लोगों की बड़ी संख्या में असमय मौतें हो रही हैं।

शहर के कई कब्रस्तान में लाश दफनाने के लिए जगह नहीं बची है। लोगों को अपने नजदीक के कब्रस्तान के अलावा काफी दूर कब्रस्तानों में जाकर लाशें दफन करना पड़ रही हैं।

एमआईएम नेता गुड्डू ने आरोप लगाया है कि समय से उपचार न मिलने से मरीज की दुर्दैव मौत के लिए निजी अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारी और मालिक पूरी तरह जिम्मेदार हैं।

निजी अस्पताल प्रबंधन वैश्विक महामारी संकटकाल में मरीजों के उपचार पर ध्यान नहीं देते अपितु कोरोना महामारी के नाम पर पैसा कमाए जाने में जुटे हैं। एमआईएम जिलाध्यक्ष गुड्डू के अनुसार, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका में आदेश पारित किया है कि, भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को चिकित्सा सेवाओं को प्राप्त करने का अधिकार देता है। इस मौलिक अधिकार को लागू करना प्रत्येक निजी अस्पताल का कर्तव्य और जिम्मेदारी है।

सरकार ने इस संबंध में उचित आदेश और निर्देश पारित कर दिए हैं लेकिन अधिसंख्य अस्पताल सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के आदेशों और निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन की गैरजिम्मेदारी के कारण कई रोगी कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से मर रहे हैं।

निजी अस्पतालों के मालिकों एवं डॉक्टरों के खिलाफ उनके गैरकानूनी कार्यों, लापरवाही और गैर जिम्मेदारी के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई करना और उन्हें उचित निर्देश और आदेश देना अनिवार्य है।

निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर गंभीर तंज कसते हुए खालिद गुड्डूडू ने कहा कि अगर निजी अस्पताल के डॉक्टर, मालिक जानबूझकर कोरोना के नाम पर हृदय रोग, शुगर, बीपी के रोगियों के उपचार से बचते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर मेडिकल लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाना चाहिए।

निजी अस्पताल की लापरवाही के कारण रोगी की मृत्यु हो जाती है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 299, 304, 304 (ए) और 308 और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

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