शहडोल। शहडोल नगर से होकर गुजरने वाली मुड़ना नदी का हाल है बेहाल।
शहडोल से मोहित तिवारी की रिपोर्ट।
कभी लोगों के लिए जीवन दायिनी मानी जाने वाली मुड़ना नदी आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। जल्द ही नदी को बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया गया तो इसका नाम भी इतिहास के पन्नों में दर्ज जाएगा।
जिला मुख्यालय से करीब 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर केलमनिया गांव है। गांव के पास स्थित जंगल से मुड़ना नदी निकली है।
मुड़ना नदी कई गांव को पार करते हुए शहडोल जिला मुख्यालय और फिर यहीं से आगे क्षीर सागर से होते हुए सोन नदी में जाकर मिलती है। ये नदी कुल मिलाकर 50 किलोमीटर लंबी है।
नदी के अस्तित्व को खतरा:
मुडऩा नदी के नगर के चार नाले बहाए जाते हैं। बड़े नालों में एक अंडर ब्रिज के समीप तथा दूसरा डिग्री कॉलेज हॉस्टल के समीप से निकलकर नदी में मिलता है। इसके अलावा आकाशवाणी के समीप और रेलवे का बड़ा नाला भी अंडर ब्रिज के समीप ही नदी में मिलता है और कंकाली माता मंदिर रोड ईदगाह के पास पुरानी बस्ती का गंदा पानी नालियों के माध्यम से नदी में आकर गिरता है।
इस प्रकार शहर और रेलवे कॉलोनी और स्टेशन की सारी गंदगी इसी नदी में पिछले कई वर्षों से पहुंच रही है। जिससे नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। यही हाल जिले से होकर बहने वाली सोन नदी का है।