MP: सिवनी मालवा तहसील में मिला पहला Coronavirus पॉजिटव मरीज

सिवनी मालवा तहसील में मिला पहला पॉजिटव मरीज।

सिवनी मालवा से अजय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट।

भोपाल के सरकारी अस्पताल में भर्ती है महिला। भोपाल से सूचना मिलते ही स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कंप। गाँव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम।

The first positive patient found in siwani malwa tehsil.
MP Corona Updates: First positive patient found in Seoni Malwa Tehsil. (Photo Source: AgnichakrLiveNews)

सिवनीमालवा के ग्राम गांगिया के पास स्थित ढाकनी पूरा निवासी लगभग 50 वर्षीय महिला की जांच रिपोर्ट पॉजिटीव आई है।

बीएमओ डॉ.कांति बाथम ने बताया कि उक्त महिला विगत 28 मई से बीमार थी। जिसका हरदा के अस्पताल में ईलाज चल रहा था, जिसके बाद महिला को भोपाल रैफर किया गया था।

भोपाल में ईलाज के दौरान महिला का कोरोना जांच के लिए सेम्पल लिया गया था जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एहतियात के तौर पर गांव में बेरिकेट्स लगाकर सील कर दिया गया है।

मेडिकल टीम में डॉ.शेखर रघुवंशी सहित स्टॉफ के द्वारा घर घर जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। गांव में सभी को मास्क लगाने की समझाइश दी जा रही है। घर में रहे सुरक्षित रहे। बिना मास्क घर से बाहर न निकले।

कोरोना ने फिर दी दस्तक जिले में पहले इटारसी इसके बाद आप सिवनी मालवा के ग्राम गांगिया एक महिला बागी चिन्हित किए जाने के बाद अब गांव-गांव में कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ गया है।

यहां गौरतलब है कि सिवनी मालवा में ऑटो चालकों के द्वारा स्वंय लेबर ठेकेदार बनकर लम्बे समय से निरीह सीधे साधे आदिवासियों को लेबर का काम के लिए ऑटो में ठूंस-ठूंस कर लाया जाता है।

Read:  Betul: स्कूल में परीक्षा के Paper लेकर जा रहे शिक्षकों की कार रास्ते में ही पलटी

Also Read: Bhiwandi: Coronavirus के मरीज़ों की प्रतिदिन बढ़ती संख्या से मचा है कोहराम

ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी लेबर लेबर ऑटो में ठूंस-ठूंस के उन्हें सिवनी मालवा लाई जाती है इसके पश्चात इन लेबरों को अनेक जगहों पर काम करने के लिए भेजा जाता है।

इस प्रकार आदिवासी ग्रामीण
आदिवासी ग्रामों से लाई गई लेवर सीधी साधी होती है जो कम दरो में शिवनी काम करने आ जाती है, और ऑटो वाले मनमर्जी के रेट वसूल कर इन आदिवासी लेबर को बहुत कम रुपए देकर अपने ऑटो से वापस उनके घर छोड़ देते हैं ।

इसी लोग लालाच में यह आदिवासी काम के लिए सिवनी आ जाते हैं। इन आदिवासियों के द्वारा अनेक जगह पर काम करने से उनके स्वयं संक्रमित होने के साथ साथ शहर में भी कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

यहां प्रशासन को चाहिए कि वह दूरस्थ आदिवासी अंचलों से लाई जाने वाली लेबर और इस प्रकार के ऑटो का संचालन पूरी तरह से बंद करें अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब कोरोना बुरी तरह से सिवनी मालवा नगर को अपनी चपेट में ले लेगा।

पसंद आई खबर, तो करें शेयर