ठेका श्रमिकों से शेड्यूल बनाकर कार्य लें: विधायक दिलीप सिंह गुर्जर

स्थाई श्रमिकों से ठेका श्रमिकों का कार्य न लें।

नागदा से संजय शर्मा की रिपोर्ट।

ठेका श्रमिकों से शेड्यूल बनाकर कार्य लें: विधायक दिलीप सिंह गुर्जर

नागदा ग्रेसिम उद्योग में कार्य कर रहे 3500 ठेका श्रमिकों को शेड्यूल बनाकर अट्ठारह अट्ठारह हजार के मासिक कार्य पर रखा जाए। जिसकी कोरोना महामारी के दौरान उत्पन्न हुए संकट से श्रमिकों और उनके परिवार को निजात मिल सके, यह बात दिलीप सिंह गुर्जर ने आज मीडिया के माध्यम से कही।

Work out by making schedule from contract workers: Legislator Dilip Singh Gurjar
Work out by making schedule from contract workers: Legislator Dilip Singh Gurjar

विधायक दिलीप सिंह गुर्जर ने यह कहा कि उद्योग प्रबंधक द्वारा फाइबर का सरप्लस स्टार्ट होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कृत्रिम फाइबर की मांग ना होने का कारण बताकर वर्तमान में 6 मशीनों को बंद कर दिया गया। जिसके चलते श्रमिकों की हाजिरी नहीं दी जा रही।

विधायक श्री दिलीप सिंह गुर्जर ने कहा कि वर्तमान में शेष बची हुई मशीनों पर जो उत्पादन प्रक्रिया चल रही है। उसमें कार्यरत स्थाई श्रमिकों से ठेका श्रमिकों को काम प्रबंधक द्वारा कराया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि उद्योग में श्रमिकों की कार्य के अनुसार जरूरत तो है लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा कोरोना संक्रमण की आड़ में स्थाई श्रमिकों से उनके कार्य के अलावा ठेका श्रमिकों का कार्य भी कराए जाने के कारण ठेका श्रमिकों की हाजिरी नहीं दी जा रही।

जिससे वे अपने घर का खर्च नहीं चला पा रहे हैं। विधायक ने आगे कहा कि उद्योग प्रबंधक को यह ध्यान रखना चाहिए कि जो फाइबर का स्टाक, प्लस स्टाक उद्योग के गोदामों में पड़ा हुआ है। वह श्रमिकों की मेहनत का नतीजा है। आज की परिस्थितियों में बाजार में फाइबर की मांग भले ही ना हो लेकिन आने वाले समय में जब बाजार पूर्ण रूप से खुलेगा तब फाइबर की मांग बढ़ेगी।

इसलिए महामारी के इस दौर में श्रमिकों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर इन्हें नौकरी पर बुलाकर हाजिरी देने का दायित्व उद्योग प्रबंधक का है। जिसका कारण ठेका श्रमिकों को आर्थिक तंगी से निजात मिल सके।

विधायक ने यह भी कहा कि उद्योगों में कार्यरत यूनियनों से अनुरोध किया है कि ठेकेदार मजदूरों के हित में प्रबंधक से बात करें तथा स्थाई श्रमिकों से जो ठेकेदार श्रमिकों का कार्य कराया जा रहा है, उस पर रोक लगाएं।

देश और प्रदेश में कोरोना के चलते मजदूरों की नौकरियां पर बुरा असर पड़ा है। छुट्टी धाड़की मजदूरी करने वाले श्रमिकों को भी मजदूरी बमुश्किल मिल पा रही है। बेरोजगारी की स्थिति में चिंतनीय है। ऐसे में 3500 श्रमिकों को बाहर काम मिलना आसान नहीं है। प्रबंधक और श्रम संगठन उपरोक्त सारे बिंदुओं पर गंभीरतापूर्वक चिंतन करें, मनन करें। ठेका श्रमिकों को कार्य को बुलाकर विचार करें।

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